महेंद्र सिंह धोनी के लिए इंग्लैंड का दौरा ही लेकर आता है मुसीबतें!

महेंद्र सिंह धोनी के लिए इंग्लैंड का दौरा ही लेकर आता है मुसीबतें!नईदिल्ली: टीम इंडिया के सबसे कामयाब कप्तानों में शामिल महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर से चर्चा में हैं. लेकिन इस बार सुर्खियां उनकी खराब फॉर्म को लेकर हैं. दो महीने पहले आईपीएल में अपने बल्ले से चमक बिखरने वाले महेंद्र सिंह धोनी इंग्लैंड की धरती पर ऐसे ‘बूढ़े खिलाड़ी’ के रूप में दिखे, जो असहाय हो चुका है. उनकी धीमी बल्लेबाजी लोगों के निशाने पर रही. यहां उनका बल्ला इस कदर खामोश रहा, कि लोगों ने उनके संन्यास की बात भी कह दी. एक मैच के दौरान तो लोगों ने हूटिंग भी कर डाली. कहना होगा कि इंग्लैंड का दौरा धोनी के लिए मुसीबतें लेकर ही आता है. कम से कम आंकड़े उनके बारे में यही कहते हैं.

महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में टीम इंडिया ने देश और विदेश दोनों जगह जमकर कामयाबी हासिल की. लेकिन इंग्लैंड की धरती हमेशा उनके लिए कठिन परीक्षा साबित हुई है. उनके नेतृत्व में दो बार टीम इंडिया ने वहां का दौरा किया. 9 टेस्ट टीम ने खेले. इसमें 7 टेस्ट गंवाए. 1 में जीत हासिल हुई और एक ड्रॉ हुआ. खुद धोनी 82 रन से ज्यादा की बड़ी पारी नहीं खेल पाए.

2011 के दौरे में टीम 4-0 से हारी
धोनी के नेतृत्व में टीम इंडिया इंग्लैंड के दौरे पर गई. 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में टीम को एक भी जीत हासिल नहीं हुई. खुद महेंद्र सिंह धोनी 8 पारियों में सिर्फ दो फिफ्टी बना सके.

2014 का दौरा सबसे विवादित रहा
2014 में टीम इंडिया कप्तान धोनी थे, तो कोच डंकन फ्लेचर. अगस्त 2014 में इंग्लैंड दौरे पर टीम इंडिया ने शर्मनाक प्रदर्शन किया था. उस समय बीसीसीआई ने शास्त्री को टीम का डायरेक्टर बनाया था. नियुक्ति के बाद शास्‍त्री ने कहा था कि अब वे ही सारे मामले देखेंगे. कोच भी उन्‍हें ही रिपोर्ट करेंगे, लेकिन धोनी ने साफ कर दिया था कि टीम के असली बॉस तो फ्लेचर ही होंगे. धोनी के इस बयान से नाराज BCCI के एक सीनियर अधिकारी ने कहा था, ‘धोनी कोच का चुनाव नहीं कर सकते. इसका निर्णय BCCI को लेना होता है. इसी तरह से सेलेक्‍शन कमेटी वर्ल्‍डकप के लिये कोच और कैप्‍टन का चुनाव करेगी.’  

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चली गई धोनी की कप्तानी
इसके बाद टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई. वहां पर भी टीम इंडिया के शर्मनाक प्रदर्शन से इतने हालात खराब हुए कि धोनी की कप्तानी चली गई. लेकिन अगर ध्यान से देखें तो इसकी नींव इंग्लैंड दौरे पर ही रख दी गई थी. धोनी डंकन फ्लेचर और रवि शास्त्री का विवाद भी इसकी जड़ में था.

इस दौरे पर भी उठे सवाल
धोनी के लिए ये दौरा भी अच्छा नहीं रहा. दो मैचों में उन्होंने 79 रन ही बनाए. इस दौरान उनका औसत 39 का और स्ट्राइक रेट 63 की रही. वह मैच में उस नाजुक मोड़ पर आउट हुए, जब उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. ऐसे में टीम में उनके रहने पर सवाल उठने ही थे.

अगला वर्ल्डकप भी इंग्लैंड में
2019 में होना वाला क्रिकेट वर्ल्डकप इंग्लैंड की ही धरती पर है. टीम इंडिया के कोच शास्त्री और कप्तान कोहली कह चुके हैं कि वर्ल्डकप तक धोनी टीम में रहेंगे. लेकिन जिस तरह उनकी फॉर्म उनका साथ छोड़ रही है. ऐसे में ये भी देखना होगा कि वह कब तक उनका बचाव करते हैं. वैसे भी अगर वह टीम में रहे तो हो सकता है कि वर्ल्डकप का कोई मैच ही उनका आखिरी मैच हो.

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