हैम्बर्ग (जर्मनी): कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि जब श्रीलंका में मेरे पिता राजीव गांधी का हत्यारा लिट्टे (LTTE) प्रमुख वी प्रभाकरण मारा गया तो मुझे और बहन प्रियंका गांधी को अच्छा नहीं लगा. ऐसा इसलिए क्योंकि जिस हिंसा में वह शामिल हुआ और जिसका शिकार बना, उसका असर उसके बच्चों समेत दूसरों पर पड़ा. मैंने उसके रोते हुए बच्चों में खुद को देखा. यहां के बकिरस समर स्कूल में संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हिंसा की वजह से उन्होंने अपने परिवार के दो सदस्यों को खोया.
उन्होंने कहा कि मेरी दादी (इंदिरा गांधी) और पिता (राजीव गांधी) की हत्याएं हुईं. इसलिए मैंने हिंसा की पीड़ा सही है. मैं वास्तव में अपने अनुभव से बात करता हूं. इसी आधार पर कहता हूं कि हिंसा के बाद आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका क्षमा है और कोई दूसरा रास्ता नहीं है. इसके साथ ही जब आप क्षमा कर देते हैं तो आप समझ पाते हैं कि वास्तव में क्या हुआ और क्यों हुआ.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इससे उबरने का तरीका यही है कि आप दूसरों की सुनो और अहिंसा के रास्ते पर चलो. लोग इसे कमजोरी समझ सकते हैं. लेकिन वास्तव में यही मेरी ताकत है. 1991 में एक आतंकवादी ने मेरे पिता की हत्या कर दी. 2009 में मेरी हत्या करने वाले उसी व्यक्ति को मैंने श्रीलंका के एक मैदान में मरा पड़ा हुआ देखा.
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ”उसको देखने के बाद मैंने बहन प्रियंका को फोन किया और कहा कि बड़ी अजीब बात है कि मुझे खुशी नहीं हो रही है. मुझे तो इस बात का जश्न मनाना चाहिए था कि जो व्यक्ति मेरे पिता की हत्या का गुनहगार है, उसके इस तरह के हश्र पर मुझे खुशी होनी चाहिए थी. लेकिन पता नहीं क्यों मैं खुश नहीं हो सका. प्रियंका ने भी कहा कि आप सही कह रहे हैं, मुझे भी खुशी नहीं हो रही है.” मुझे इसलिए खुशी नहीं हुई क्योंकि उसके बच्चों में मैंने खुद को देखा. उसे मृत देखकर मुझे यह अहसास हुआ कि मेरी तरह उसके बच्चे भी रो रहे होंगे.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हो सकता है कि वह बुरा व्यक्ति हो लेकिन उसके खिलाफ जो हिंसा हुई, उसका असर दूसरों पर हुआ, ठीक उसी तरह जिस तरह हम पर प्रभाव पड़ा. उल्लेखनीय है कि लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) प्रमुख वी प्रभाकरण राजीव गांधी की हत्या के लिये जिम्मेदार था. उसे श्रीलंकाई सैनिकों ने 2009 में मार गिराया था.
मोदी सरकार ने विकास की प्रक्रिया से अल्पसंख्यकों को बाहर रखा
इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट का उदाहरण देते हुए कहा कि विकास प्रक्रिया से बड़ी संख्या में लोगों को बाहर रखने से दुनिया में कहीं भी आतंकवादी संगठन पैदा हो सकता है. राहुल ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने विकास की प्रक्रिया से आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों को बाहर रखा है तथा ‘‘यह एक खतरनाक बात बन सकती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी में लोगों को बाहर रखना काफी खतरनाक है. अगर आप 21वीं सदी में लोगों को कोई विजन नहीं देते तो कोई ओर देगा और विकास प्रक्रिया से बड़ी संख्या में लोगों को बाहर रखने का यह असली खतरा है.’’
मॉब लिंचिंग और बेरोजगारी
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि भारत में भीड़ द्वारा लोगों की पीट-पीटकर हत्या किये जाने की घटनाएं बेरोजगारी और सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा नोटबंदी एवं जीएसटी को ‘खराब तरीके से लागू’ किये जाने से छोटे कारोबारों के ‘चौपट’ हो जाने की वजह से उपजे ‘गुस्से’ के कारण हो रही हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया में जो बदलाव हो रहे हैं उसके लिये लोगों को कुछ निश्चित सुरक्षा की आवश्यकता है. उन्होंने भारत की मौजूदा सरकार पर उनसे ये सुरक्षा छीनने और नोटबंदी और जीएसटी के जरिये अनौपचारिक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने का आरोप लगाया जिससे लोगों में गुस्सा पैदा हो रहा है और भीड़ हत्या की घटनाएं हो रही हैं.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘वे (भाजपा सरकार) महसूस करते हैं कि आदिवासी, गरीब किसानों, निचली जाति के लोगों और अल्पंसख्यकों को अमीरों के समान लाभ नहीं मिलना चाहिये.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यही एकमात्र नुकसान उन्होंने नहीं किया है. उससे कहीं अधिक कुछ खतरनाक बातें हैं.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था का विमुद्रीकरण किया और सभी छोटे और मझोले कारोबार के लिये नकदी के प्रवाह को तबाह कर दिया जिससे लाखों लोग बेरोजगार हो गए. राहुल ने कहा, ‘‘उन्होंने खराब अवधारणा वाली जीएसटी थोप दी, जिसने जीवन को और जटिल बना दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘छोटे कारोबार में काम करने वाले बड़ी संख्या में लोग गांव लौटने पर मजबूर हुए और ये तीन काम जो सरकार ने किये हैं उसने भारत में आक्रोश पैदा किया है.’’ राहुल ने कहा, ‘‘और आपको वही समाचार पत्रों में पढ़ने को मिलता है. जब आप भीड़ के लोगों की पीट-पीटकर हत्या करने की बात सुनते हैं, जब आप भारत में दलितों पर हमले के बारे में सुनते हैं और जब आप भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले के बारे में सुनते हैं तो उसकी वजह यही है.’’
पीएम मोदी से गले मिलना कई कांग्रेस सांसदों को पसंद नहीं आया
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि संसद में जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाया था तो उनकी ही पार्टी के कुछ सदस्यों को यह पसंद नहीं आया था. राहुल ने यह भी कहा कि भारत में नौकरी की बड़ी समस्या है, लेकिन प्रधानमंत्री इसे नहीं देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘समस्या का समाधान करने के लिये आपको उसे स्वीकार करना होगा.’’ राहुल ने भारत और पिछले 70 वर्षों में उसकी प्रगति के बारे में भी बोला. संसद में पिछले महीने मोदी सरकार पर तीखे हमले करने के बाद प्रधानमंत्री को गले लगाने के वाकये का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जब संसद में मैंने प्रधानमंत्री मोदी को गले लगाया तो मेरी पार्टी के भीतर कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया.’’
Bureau Report
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