नईदिल्ली: केंद्र सरकार फेस्टिव सीजन से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी देने की तैयारी कर रही है. सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार ने अंदरखाने फिटमेंट फैक्टर में रिवीजन के लिए मंथन शुरू कर दिया है. इससे निचले स्तर के केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा फायदा होगा. उनकी बेसिक पे बढ़ जाएगी. इसमें कितनी बढ़ोतरी संभव है, यह तस्वीर अभी साफ नहीं है. वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी की मानें तो फिटमेंट फैक्टर में रिवीजन 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से इतर होगा. अभी फिटमेंट फैक्टर 2.57 टाइम्स है. इसके आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक पे 18000 रुपए बनती है.
इस बीच, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया है. ऐसे में केंद्रीय कर्मचारियों की उम्मीद बढ़ गई है. जेटली ने जुलाई 2016 में राज्यसभा में आश्वासन दिया था कि वह केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक पे बढ़ाने की मांग पर गौर करेंगे.
कितना बढ़ सकता है फिटमेंट फैक्टर
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि सरकार फिटमेंट फैक्टर 2.7 या 2.8 करने पर विचार कर रही है. ऐसा नेशनल एनोमेली कमेटी (NAC) के सुझाव पर होगा. सरकार इसकी घोषणा इस साल दिवाली के आसपास या अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले कर सकती है. सितंबर 2016 में बनी एनएसी केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन से जुड़ी विसंगति दूर करने के लिए सिफारिश करती है. इसका गठन 7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद हुआ था. द सेन टाइम्स की खबर के मुताबिक 17 जुलाई 2018 को हुई कमेटी की बैठक में फिटमेंट फैक्टर से आ रही वेतन विसंगति को दूर करने पर सहमति बनी थी. इसके अलावा कई और मुद्दों पर चर्चा हुई थी.
20000 रुपए हो सकती है बेसिक पे
पहले खबर आई थी कि केंद्र सरकार की योजना न्यूनतम बेसिक पे 18000 रुपए से बढ़ाकर 20000 रुपए करने की है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया था कि सरकार सैलरी बढ़ाने को राजी है लेकिन कितनी और कब बढ़ोतरी होगी, इस बारे में कुछ नहीं बताया था. हालांकि केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि न्यूनतम वेतनमान 18000 से बढ़ाकर 26000 रुपए कर दिया जाए. ऐसा फिटमेंट फैक्टर को 2.57 गुना से बढ़ाने से होगा.
पे मेट्रिक्स के आधार पर बनती है सैलरी
7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों को पे बैंड या पे स्केल की बजाय पे मेट्रिक्स के आधार पर सैलरी मिलती है. पे मेट्रिक्स में लेवल 1 पर न्यूनतम पे 18 हजार रुपए है. वहीं लेवल 18 पर यह ढाई लाख रुपए है. यह व्यवस्था 1 जनवरी 2016 से लागू है. लोवर लेवल के कर्मचारी को 2.57 गुना फिटमेंट फैक्टर के आधार पर सैलरी बनती है जबकि ऊपर के लेवल के अफसर की सैलरी उससे ज्यादा फिटमेंट फैक्टर पर बनती है.
Bureau Report
Leave a Reply