मुंबई: महाराष्ट्र की अदालत ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू समेत 16 लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. इसमें आंध्र प्रदेश के सिंचाई मंंत्री देवीनेमी उमामहेश्वर राव भी शामिल हैं. यह वारंट 2010 में हुए एक प्रदर्शन के सिलसिले में जारी किया गया है. इस मामले में नांदेड़ जिले के धर्माबाद के न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट एनआर गजभिये ने पुलिस से सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर 21 सितंबर तक कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है.
अविभाजित आंध्र प्रदेश में तब विपक्ष में रहे नायडू और अन्य को महाराष्ट्र में बाबली परियोजना के समीप विरोध करने पर गिरफ्तार किया गया था और उन्हें पुणे में जेल में डाल दिया गया था. वे इस आधार पर परियोजना का विरोध कर रहे थे कि इससे निचले हिस्से में लोग प्रभावित होंगे. बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था लेकिन उन्होंने जमानत नहीं मांगी थी.
उन सभी पर जनसेवक को काम करने में बाधा पहुंचाने के लिए हमला या आपराधिक बल प्रयोग करने, हथियार या किसी अन्य तरीके से जानबूझकर जख्म पहुंचाना, अन्य की जिंदगी खतरे में डालने समेत भादंसं की विभिन्न धाराएं लगाई गई हैं.
वहीं इस गिरफ्तारी वारंट टीडीपी के प्रवक्ता लंका दिनकर ने पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की साजिश बताया. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.
Bureau Report
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