किसानों को जरूरत से ज्‍यादा सब्सिडी दे रहा भारत, अमेरिका ने फिर लगाया आरोप

किसानों को जरूरत से ज्‍यादा सब्सिडी दे रहा भारत, अमेरिका ने फिर लगाया आरोपनईदिल्‍ली: फूड सब्सिडी के मुद्दे पर अमेरिका ने फिर भारत पर आरोप लगाया है. उसने कहा है कि वह जरूरत से ज्‍यादा खाद्य सब्सिडी दे रहा है जो विश्‍व व्‍यापार नीति को बर्बाद करने वाली है. अमेरिका ने कहा कि वह अन्‍य देशों से भारत की फूड सब्सिडी का विरोध करने के लिए कहेगा. अमेरिका ने कहा कि भारत गेहूं और चावल की पैदावार करने वाले किसानों को भारी मात्रा में सब्सिडी दे रहा है. इससे इन फसलों की पैदावार में लगे अन्‍य देशों को चिंता करने की जरूरत है. इस मामले में अमेरिका ने मई 2018 में विश्‍व व्‍यापार संगठन (WTO) में भारत के सब्सिडी देने पर विरोध दर्ज कराया था. उस समय भारत की ओर से अमेरिकी विरोध को चुनौती देने की बात कही जा रही थी.

क्‍या है डब्‍ल्‍यूटीओ की नीति

डब्ल्यूटीओ के मौजूदा नियमों के हिसाब से विकासशील देश अपने कुल कृषि उत्पादन का 10 प्रतिशत तक ही खाद्य सब्सिडी के रूप में उपलब्ध करा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, भारत ‘मोहलत उपबंध’ पर राजी हो सकता है जिससे वह खाद्य सब्सिडी सीमा लांघने के लिए जुर्माने से बच जाएगा. इससे सरकार को एमएसपी पर खाद्यान्न की खरीद की अनुमति मिल जाएगी और वह इसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए रियायती दरों पर बेच सकेगा. यह उपबंध सभी खाद्यान्नों पर लागू होगा. 

अमेरिका अपने उत्‍पाद बेचने के चक्‍कर में

उधर, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने ऐसी व्यवस्था बनाई है कि वे विकासशील देशों में किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी को कम या खत्‍म करवा दें, ताकि उनके उत्पाद दुनिया के सभी देशों के बाज़ार में पहुंच बना सकें.

Bureau Report

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