नईदिल्ली: देश में तीन तलाक के बढ़ते हुए मामलों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने तय कर लिया है कि वह मुस्लिम महिलाओं को इस डर से निजात दिलाकर रहेगी. सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक, मॉनसून सत्र में तीन तलाक विधेयक के संसद में अटके रहने के कारण सरकार इस पर अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है.
सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक, बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दी गई. यह अध्यादेश 6 महीने तक लागू रहेगा, तब तक सरकार को इसे पारित कराना होगा. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस अध्यादेश के लागू होने के बाद केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में इसे पारित कराने की कोशिश कर सकती है.
लोकसभा में पास, राज्यसभा में अटका है विधेयक
उल्लेखनीय है कि देश में तीन तलाक के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार ने कहा था कि वह इस पर विधेयक लेकर आए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने विधेयक तो बनाया, लेकिन मॉनसून सत्र के दौरान इसे लोकसभा से पारित होने के बाद यह राज्यसभा में लंबित है. विपक्ष इसमें कुछ संशोधन चाहता था.
दरअसल, राज्यसभा में मॉनसून सत्र के अंतिम दिन तीन तलाक विधेयक पर आम सहमति नहीं बन पाने के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था. बीते 15 अगस्त को भी कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ऐसे कुछ लोग हैं जिन्होंने तीन तलाक विधेयक को संसद में हाल में समाप्त हुए मॉनसून सत्र के दौरान पारित होने नहीं दिया. उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को भरोसा दिया कि उनकी सरकार उनके लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
मोदी ने लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कहा था, “तीन तलाक प्रथा मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय है. तीन तलाक ने बहुत सी महिलाओं का जीवन बर्बाद कर दिया है और बहुत सी महिलाएं अभी भी डर में जी रही हैं.” उन्होंने कहा कि तीन तलाक प्रथा को खत्म करने के लिए कैबिनेट द्वारा कुछ संशोधनों को मंजूरी देने के बाद उनकी सरकार ने हाल ही में समाप्त हुए मानसून सत्र में संसद में विधेयक लाने का प्रयास किया.
Bureau Report
Leave a Reply