पटना: इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में घिरे लालू परिवार के खिलाफ दायर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट पर पटियाला हाउस कोर्ट सोमवार को अहम सुनवाई करेगा. सुनवाई के दौरान कोर्ट तय करेगा कि ईडी की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया जाए या नहीं.
दरअसल, आईआरसीटीसी होटल आवंटन मामले में सीबीआई के बाद ईडी ने पटियाला हाउस कोर्ट में लालू एंड फेमली के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में ईडी ने कई अहम सबूत की बात कही है. इसमें ईडी ने लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व मंत्री प्रेमचंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी सरला गुप्ता और तत्कालीन एमडी बीके अग्रवाल के अलावा अन्य लोगों को आरोपी बनाया है.
आईआरसीटीसी टेंडर मामले में जहां एक ओर घोटाले की सीबीआई जांच कर रही वहीं, दूसरी तरफ ईडी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है. इससे पहले सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीट पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए लालू परिवार को तलब किया था. तेजस्वी यादव और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से 31 अगस्त को राहत मिल गई थी. उन्हें एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिली थी.
जेल में रहने की वजह से लालू यादव कोर्ट में पेश नहीं हो सकते थे, इसलिए कोर्ट ने सीबीआई की मांग पर प्रोडक्शन वारंट जारी कर लालू यादव को 6 अक्टूबर को पेश होने का निर्देश दिया था.
क्या है पूरा मामला?
आईआरसीटीसी द्वारा रांची और पुरी में चलाए जाने वाले दो होटलों की देखरेख का काम सुजाता होटल्स नाम की कंपनी को देने से जुड़ा है. विनय और विजय कोचर इस कंपनी के मालिक हैं. इसके बदले में कथित तौर पर लालू को पटना में बेनामी संपत्ति के रूप में तीन एकड़ जमीन मिली. एफआईआर में कहा गया था कि लालू ने निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया. इसके बदले में उन्हें एक बेनामी कंपनी डिलाइट मार्केटिंग की ओर से बेशकीमती जमीन मिली.
सुजाता होटल को ठेका मिलने के बाद 2010 और 2014 के बीच डिलाइट मार्केटिंग कंपनी का मालिकाना हक सरला गुप्ता से राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के पास आ गया. हालांकि इस दौरान लालू रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके थे.
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