इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस से अपील की कि कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों का संज्ञान लें. डॉन ने प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान के हवाले से खबर दी है कि गुतारेस से टेलीफोन पर हुई बातचीत में खान ने ‘‘इन उल्लंघनों को खत्म किए जाने में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका को चिह्नित किया.’’
कश्मीर के पुलवामा में सात नागरिकों की हत्या की निंदा करने और मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठाने की चेतावनी देने के कुछ दिनों बाद खान ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख को फोन किया. इससे अलग संघीय कैबिनेट ने अपनी बैठक में कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की निंदा की.
सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि कैबिनेट की बैठक इस्लामाबाद में हुई जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री खान ने की.
उधर, हाल ही में प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया था कि भारत में सत्ताधारी भाजपा का रुख ‘‘मुस्लिम विरोधी और पाकिस्तान विरोधी’’ है और उम्मीद जताई कि अगले वर्ष भारत में होने वाले आम चुनावों के बाद अवरूद्ध द्विपक्षीय वार्ता फिर से शुरू हो सकती है.
खान ने कहा कि उनकी सरकार 2008 के मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं को इंसाफ के कठघरे में लाना चाहती है और यह पाकिस्तान के हित में है.
उन्होंने गुरुवार को ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘भारत में चुनाव आने वाले हैं. (भारत के) सत्ताधारी दल का रुख मुस्लिम विरोधी और पाकिस्तान विरोधी है. उन्होंने मेरी सभी पहल को खारिज कर दिया…उम्मीद करें कि चुनावों के खत्म होने के बाद हम फिर से भारत के साथ वार्ता शुरू कर पाएंगे.’’
भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत से तब तक स्पष्ट तौर पर इनकार किया था जब तक वह भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकी गतिविधियों को बंद नहीं करता.
Bureau Report
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