काहिरा: वैसे तो मोटापे की समस्या पूरी दुनिया में है लेकिन जीवनशैली से जुड़ी इस समस्या के बारे में अभी तक किसी राष्ट्राध्यक्ष ने पब्लिक से कुछ नहीं कहा. लेकिन मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल-सीसी इस मामले में एक कदम आगे बढ़ गए. मिस्र में सेना के जनरल से राष्ट्रपति बने अब्दुल फतेह-अल सीसी ने पिछले दिनों टीवी पर एक फरमान जारी कर सबको हैरान कर दिया. उन्होंने कहा कि जब वह सड़कों पर निकलते हैं तो मोटापे के शिकार लोगों को बहुतायत में देखते हैं. लोगों को अपने खान-पान और जीवनशैली पर ध्यान देना चाहिए और मोटापा कम करना चाहिए.
सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने टीवी चैनलों से भी कहा कि ऐसे न्यूज एंकरों, प्रेजेंटरों और लोगों को अपने प्रोग्राम में शामिल नहीं करना चाहिए जो मोटापे के शिकार हैं. उन्होंने यह भी कहा कि शारीरिक शिक्षा को स्कूल और यूनिवर्सिटीज के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए ताकि लोगों को खान-पान और लाइफस्टाइल के बारे में शुरू से ही सचेत किया जा सके.
सिर्फ इतना ही नहीं फिटनेस के प्रति सजग राष्ट्रपति सीसी अगले ही दिन नेशनल मिलिट्री अकादमी साइकिल से पहुंचे और वहां कैडेट्स से बोले कि उन लोगों की बेसिक ट्रेनिंग तब तक पूरी नहीं मानी जाएगी जब तक कि वह फिटनेस की बुनियादी जरूरतों को पूरी नहीं करते.
राष्ट्रपति सीसी की इस तरह की घोषणा के बाद मिस्र में इस मुद्दे पर जबर्दस्त बहस शुरू हो गई है. सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति की आलोचना भी की जा रही है. आलोचकों का कहना है कि राष्ट्रपति ने मोटापे की समस्या से लड़ने के लिए कोई प्लान नहीं बताया और गरीब मुल्क के लोगों से खुद ही इससे निपटने का आग्रह कर रहे हैं.
मोटापे की समस्या
मिस्र में मोटापा एक बड़ी समस्या है और 2017 के एक अध्ययन के मुताबिक यहां पर मोटापे की दर दुनिया में सबसे अधिक है. आंकड़ों के मुताबिक हर तीन में से एक व्यस्क व्यक्ति मोटापे का शिकार है. यानी देश की कुल आबादी का 35 प्रतिशत हिस्सा मोटापे का शिकार है. इस तरह 10 करोड़ की आबादी में से तकरीबन दो करोड़ लोग मोटापे का शिकार हैं.
Bureau Report
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