गुवाहाटी: किताबों की दुनिया किसी सपनों की दुनिया से कमतर नहीं होती हैं और मनुष्य को इंसानियत की पाठ किताबों से ही मिलती हैं, आज ये विचार गुवाहाटी के असम इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट मैदान में 32 वे गुवाहाटी पुस्तक मेला का शुभारम्भ करते हुए असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने विद्यार्थियों और दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों से साझा किया. इस मौके पर एक स्मारिका का विमोचन करते हुए मुख्यमंत्री सोनोवाल ने कहा किताबों से सच्चा दोस्त इंसान का कोई नहीं हो सकता हैं जो इंसान को पोलिश करता हों, साथ ही कहा की किताबों से प्रेम और निरंतर अध्यन केवल रोजी रोटी के आयाम ढूंढने या नौकरी पाने के लिए नहीं बल्कि एक अच्छा नागरिक बनने के लिए होता हैं,
शिक्षित इंसान को सभ्य इंसान का मानक समझा जाता हैं इसलिए अनपढ़ लोगो के बीच में भी शिक्षा और किताबो के प्रति जागरूकता फैली थी. आपको बता दें कि गुवाहाटी पुस्तक मेला नार्थ ईस्ट का सबसे भव्य पुस्तक मेला कहलाता हैं और पहले दिन ही हजारों के तादाद में पुस्तक प्रेमियों ने पुस्तक मेला में शिरकत की.
इस अवसर पर असम के प्रसिद्ध साहित्यकार, साहित्य अकादेमी पुरस्कृत डॉ.नागेन सैकिया को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने नवाजा. डॉ. नागेन सैकिया असमिया साहित्य के पुरोधा साहित्यकारों के श्रेणी में आते हैं और देश का सर्वोच्च सदन राज्य सभा के 1986 से 1992 तक सांसद और 1990 से 1992 के बीच राज्य सभा के उप सभापति भी रह चुके हैं, आज उनके तरफ से उनका पुत्र कौशिक सैकिया ने मुख्यमंत्री के हाथों लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड ग्रहण किया.
Bureau Report
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