वाशिंगटन: अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने नीतिगत मामलों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंपके साथ मतभेद को लेकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, ट्रंप ने सेवाओं के लिए मैटिस को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह फरवरी में सम्मान के साथ सेवानिवृत्त होंगे. गौरतलब है कि मैटिस के पद से हटने की खबर सीरिया और अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणाओं के बीच आई है.
मैटिस ने गुरुवार को ट्रंप को भेजे गए इस्तीफे में लिखा है कि यह उनके लिए पद छोड़ने का ‘‘सही वक्त’’ है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति के पास ऐसा रक्षा मंत्री होना चाहिए ‘‘जिसके विचार इन मामलों पर और अन्य विषयों पर भी आपसे बेहतर मेल खाते हों.’’ उन्होंने लिखा है, ‘‘मेरे कार्यकाल का अंतिम दिन 28 फरवरी, 2019 है. यह उत्तराधिकारी को नामित करने और उसकी नियुक्ति की पुष्टि करने के लिये पर्याप्त समय देगा. साथ ही सुनिश्चित करेगा कि मंत्रालय के हितों का पूरी तरह से ध्यान रखा जाए और आने वाले कार्यक्रमों जैसे संसदीय सुनवाई और फरवरी में होने वाली नाटो की रक्षा मंत्रिस्तरीय बैठक ठीक से हो.’’
68 वर्षीय पेंटागन प्रमुख ने इसका जिक्र नहीं किया है कि वह खास तौर से सैनिकों को वापस बुलाने के कारण इस्तीफा दे रहे हैं. हालांकि, ट्रंप के इस फैसले से विभिन्न विदेशी सहयोगी और सांसद सभी दंग रह गए हैं. मैटिस का इस्तीफा मिलने के बाद ट्रंप ने फरवरी में उनके सेवानिवृत्त होने की घोषणा की.
राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘‘जनरल जिम मैटिस मेरे कार्यकाल में पिछले दो साल से रक्षा मंत्री के रूप में सेवाएं देने के बाद फरवरी के अंत में ससम्मान सेवानिवृत्त होंगे.’’ उन्होंने लिखा है, ‘‘जिम के कार्यकाल में बहुत प्रगति हुई है, खास तौर से नए खरीद के संबंध में…..’’
गौरतलब है कि मैटिस भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के बड़े समर्थक हैं. सूचनाओं के अनुसार, सीरिया और अफगानिस्तान सहित विदेश नीति के विभिन्न मामलों पर मैटिस और ट्रंप के बीच मतभेद था. मैटिस का नाम ट्रंप प्रशासन के उन वरिष्ठ अधिकारियों की लंबी सूची में जुड़ गया है जिन्हें पद छोड़ना पड़ा है या पद से हटा दिया गया है. हालांकि, गुरुवार को ट्रंप ने कहा कि जल्दी ही नए रक्षा मंत्री की घोषणा की जाएगी.
इससे पहले ट्रंप ने ट्विटर पर घोषणा करके विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन को हटा दिया था.
अब अफगानिस्तान से भी होगी अमेरिकी सैनिकों की वापसी
सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाए जाने का फैसला किये जाने के एक दिन बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान से बड़ी संख्या में सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला किया है. एक अमेरिकी अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर किये जाने की शर्त पर कहा, ‘‘फैसला किया गया है. बड़ी संख्या में सैनिकों को वापस बुलाया जाएगा.’’
दरअसल, अमेरिका ने बीते मंगलवार को ही सीरिया से अपने सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला लिया है. फिलहाल सीरिया में करीब 2000 अमेरिकी सैन्यबल हैं. उनमें से ज्यादा सैनिक उन स्थानीय बलों के प्रशिक्षण मिशन में लगे हैं जो आईएस से दो-दो हाथ कर रहे हैं.
इस कदम के असाधारण भू-राजनीतिक परिणाम होंगे तथा अमेरिका के समर्थन से इस्लामिक स्टेट के जिहादियों से लोहा ले रहे कुर्दिश लड़ाकों की तकदीर अधर में लटक गई है. इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘‘हमने सीरिया में आईएसआईएस को हरा दिया है. जोकि ट्रंप के प्रशासनकाल के दौरान वहां रहने की मेरी एकमात्र वजह है.’’
ट्रंप के फैसले को समयपूर्व बताकर उसकी आलोचना किए जाने के बाद व्हाइट हाउस ने बयान दिया कि सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फैसला अमेरिकी नीतियों के अनुरूप है, क्योंकि युद्ध से जर्जर इस देश में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी आईएसआईएस को खत्म करने के लिए थी, गृह युद्ध को समाप्त करने के लिए नहीं.
इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया से सैनिकों को वापस बुलाने के अपने विवादित फैसले का बचाव करते हुए बृहस्पतिवार को कहा था कि पश्चिम एशिया की ‘‘रखवाली का ठेका अमेरिका ने नहीं लिया है’’.
Bureau Report
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