नईदिल्ली: अपने अजब फतवों के लिए चर्चा में चल रहे यूपी के शिक्षण संस्थान दारूल उलूम देवबंद ने अब नया फतवा जारी किया है. दारूल उलूम ने नए फतवे में कहा है कि सभी महिला टीवी एंकरों को एंकरिंग करने के दौरान स्कार्फ बांधना जरूरी है. फतवे में यह भी कहा गया है कि महिला एंकरों को खुले बाल रखने की भी इस्लाम इजाजत नहीं देता है.
बता दें कि मुस्लिम महिलाओं को लेकर विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद से लगातार फतवे जारी हो रहे हैं. देवबंद के मुफ्ती अहमद ने मुस्लिम महिलाओं के लिए बयान दिया है कि टीवी पर जो मुस्लिम महिलाएं एंकरिंग या रिपोर्टिंग कर रही हैं, उन्हें स्कार्फ बांधकर काम करना चाहिए. इसस उनके बाल खुले नहीं रहेंगे, बेहतर होगा कि वे बुर्के का इस्तेमाल करें.
दारूल उलूम देवबंद ने अपने फतवे में कहा है कि शरीयत ने सभी औरत और मर्दों को इजाजत दी है कि वह कोई भी जायज रोजगार कर सकते हैं. घर की जरूरत पूरी करने के लिए अपने अहले खाना की जरूरत पूरी करने के लिए सब तरह के काम कर सकते हैं. इसमें कोई हर्ज नहीं है. इसमें कहा गया है कि टीवी पर एंकरिंग करने के लिए बेहतर तरीका शरीयत ने बताया है.
सबसे सही तरीका है बुर्का पहनना. उसमें पूरा शरीर ढका हुआ होता है. दूसरा तरीका है आप स्कार्फ पहन सकते हैं. बाल आपके न जाहिर हों, बाल छुपे हुए हों और आप अपनी एंकरिंग भी कर सकती हैं. इंटरव्यू भी ले सकती हैं. जो काम आपको करना है आप कर सकती हैं.
बता दें कि इससे पहले दारूल उलूम देवबंद ने फतवा जारी कर कहा था कि किसी भी समारोह या कार्यक्रम में औरतों का मर्दों के साथ खड़े होकर भोजन करना गैर इस्लामी है. इसके अलावा एक अन्य फतवे में मोबाइल फोन पर बिना इजाजत एक-दूसरे की कॉल रिकॉर्ड किए जाने को गुनाह करार दिया गया है. दारूल उलूम देवबंद ने बिना इजाजत किसी भी व्यक्ति की कॉल रिकॉर्ड करने को गुनाह और अमानत में खयानत बताया है.
संस्था के फतवा विभाग से किसी व्यक्ति ने मुफ्ती-ए-कराम से पूछा था कि मोबाइल पर आवाजों को रिकॉर्ड करना आम बात है और कई मोबाइल सेट में तो ऑटो कॉल रिकॉर्डिंग की व्यवस्था होती है. बात करने वाले को भी इस बात की जानकारी नहीं होती कि उसकी आवाज रिकॉर्ड की जा रही है.
Bureau Report
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