नईदिल्ली: गुड़गांव स्थित एआई स्टार्ट-अप स्टैक्यू ने ‘त्रिनेत्र’ (TRINETRA APP) एप को लांच करने की घोषणा की है. यह एप उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग के लिए विकसित किया गया एक एआई एप्लिकेशन है. कंपनी ने बताया कि यह एप्लीकेशन एआई का इस्तेमाल करते हुए रिकॉर्डस को डिजिटाइज और सर्च करने में मदद करता है. साथ ही अपराधियों का रिकॉर्ड भी इसमें है जिसे रियल-टाइम में जांच, नियमित जांच, सत्यापन और पुलिस चेक-प्वाइंट पर पुलिस फोर्स को उपलब्ध कराता है.
पुलिस महानिदेशक ने लॉन्च किया
उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक ओपी सिंह ने इसे लॉन्च करते हुए कहा, ‘यह अविश्वसनीय तकनीक का युग है और हम खुश हैं कि स्टैक्यू जैसे युवा उद्यम इस दुनिया को सुरक्षित स्थान बनाने के लिए अपनी विशेषज्ञता से योगदान कर रहे हैं. यह पहली बार है कि हमने ग्राउंड जीरो पर काम करने वाले पुलिस बलों को बेहतर और आसान तकनीक का सहारा दिया है.’ कंपनी ने कहा कि ‘त्रिनेत्र’ एप्लीकेशन के साथ पुलिस कर्मी सरल बायोमीट्रिक विशेषताओं जैसे कि तस्वीर या वीडियो के माध्यम से अपराधियों की पहचान कर सकते हैं.
एप की मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग में विशेषज्ञता
यह एप चेहरे की पहचान, तस्वीर की खोज, मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग में विशेषज्ञता रखता है. यह किसी भी अन्य क्रिमिनल रिकग्निशन सिस्टम (अपराधी को पहचानने की प्रणाली) की तुलना में बेहतर सटीकता प्रदान करता है. एआई-सुसज्जित गैंग आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी के साथ त्रिनेत्र न केवल अपराधी की पहचान करता है, बल्कि यह भी कि उसके सहयोगी विभिन्न जिलों और राज्यों के किन हिस्से में सक्रिय है.
स्टैक्यू के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह-संस्थापक अतुल राय ने कहा, ‘वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लागू करने का हमारा निरंतर प्रयास रहा है. उत्तर प्रदेश में ‘त्रिनेत्र’ के लांच से हमें अपने एजेंडे को आगे ले जाने में मदद मिलेगी और बेहतर तकनीक सहायता, वास्तविक समय में डेटा रिकॉल और चेहरे की पहचान व अन्य बायोमेट्रिक पहचान के साथ ग्राउंड जीरो पर काम कर रहे बहादुर पुलिस कर्मियों को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी.’
Bureau Report
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