रायपुर: छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री के रूप में भूपेश बघेल की ताजपोशी जरूर हो गई लेकिन आलाकमान के लिए उनका नाम तय करना इतना आसान भी नहीं रहा. पर्दे के पीछे प्रतिद्वंद्वियों के बीच शह-मात के खेल चले. इस कारण छत्तीसगढ़ की सत्ता तीन प्रमुख चेहरों के बीच बारी-बारी से जाती दिखी लेकिन अंत में बघेल ने बाजी मारी.
दरअसल सूबे की कांग्रेस के दो तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल तीन प्रमुख चेहरों भूपेश बघेल, टीएससिंह देव और ताम्रध्वज साहू को राहुल गांधी ने दिल्ली बुलाया. द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पहले सत्ता की कमान मृदुभाषी और ओबीसी नेता ताम्रध्वज साहू को देने का फैसला हुआ. यहां तक कि केंद्रीय पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे के घर में लड्डू भी मंगाए गए लेकिन छत्तीसगढ़ के बाकी नेताओं ने इस नाम में रुचि नहीं दिखाई.
बघेल और देव ने उनका इस आधार पर विरोध किया कि एक तो कांग्रेस की जीत में सीधेतौर पर साहू का कोई बड़ा रोल नहीं है और दूसरा कि उनका राज्य में कोई जनाधार भी नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक बघेल ने तो यहां तक कहा कि वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे देंगे और कोई पद नहीं लेंगे. सिर्फ कांग्रेस के साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगे. देव ने भी कहा कि वह अपने कार्यकर्ताओं से बातचीत के बाद इस पर निर्णय लेंगे.
बघेल और देव के तेवरों को देखते हुए राहुल गांधी ने कहा कि दरअसल उन दोनों नेताओं के बीच आपसी सहमति नहीं बन पाने के कारण साहू के बारे में विचार किया गया. इसके बाद बघेल और देव को आमने-सामने बिठाकर बात की गई.
रिपोर्ट के मुताबिक जब बघेल और देव की आमने-सामने बात हुई तो टीएससिंह देव ने कहा कि वह दो साल मुख्यमंत्री रहकर बाकी तीन सालों के लिए कमान बघेल को सौंपने को तैयार हैं. वह यह आश्वासन लिखित तौर पर देने को भी तैयार हैं. हालांकि बघेल ने कहा कि उनको पहले मौका दिया जाना चाहिए.
इसके बाद राज्य कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया समेत अन्य संबंधित नेताओं से भी राय ली गई. उसमें एक आंतरिक फॉर्मूला यह तय हुआ कि ढाई-ढाई साल के लिए भूपेश बघेल और टीएससिंह देव को सत्ता की कमान सौंपी जाए. उसमें यह भी निष्कर्ष निकला कि छत्तीसगढ़ में ओबीसी वोटर ही निर्णायक हैं. इसलिए 2019 के आम चुनावों को देखते हुए सत्ता की कमान पहले किसी ओबीसी नेता को ही दी जाए. भूपेश बघेल, ताम्रध्वज साहू और चरणदास महंत ओबीसी चेहरे हैं. इस कारण भूपेश बघेल के नाम की मुख्यमंत्री के रूप में घोषणा कर दी गई.
Bureau Report
Leave a Reply