शिवसेना ने ‘सामना’ में लिखा, ‘नई रामायण! हनुमान, आपकी जाति कौन-सी?’

शिवसेना ने 'सामना' में लिखा, 'नई रामायण! हनुमान, आपकी जाति कौन-सी?'मुंबई: शिवसेना ने अपने मुख्यपत्र ‘सामना’ के जरिए एक बार फिर केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. एनडीए के सहयोगी दल ने देश में हनुमानजी की जाति को लेकर उठे विवाद पर बीजेपी को खरी-खरी सुनाई है. सामना में ‘नई रामायण!, हनुमान, आपकी जाति कौन-सी?’ शीर्षक से छपे संपादकीय लेख में लिखा गया है, ‘भगवान श्रीराम के प्रति निष्ठा और भक्ति, त्याग और समर्पण ही हनुमान की जाति है. हनुमान पर विविध जातियों का लेबल लगाना सही नहीं है, श्रद्धा और निष्ठा का दूसरा नाम हनुमान है.’

लेख में आगे कहा गया है, ‘अयोध्या में राम मंदिर बनाना बगल में रह गया, मगर भारतीय जनता पार्टी में राम भक्त हनुमान की जाति को लेकर पंचायत शुरू हो गई है. जहां राम वहां हनुमान, यही सत्य है. श्रद्धा और निष्ठा का दूसरा नाम हनुमान. इसलिए उनकी जाति कौन-सी और धर्म कौन-सा, बेवजह की ये जांच क्यों चाहिए?’

बता दें कि हाल ही में खत्म हुए विधानसभा चुनाव प्रचार में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाबली हनुमान के दलित होने की घोषणा की थी. जिसके बाद हनुमान हमारी जाति के किस तरह हैं, इस पर कई लोगों ने प्रमाण-पत्र दिए. अब भाजपा के उत्तर प्रदेश के विधायक बुक्कल नवाब ने महाबली हनुमान के ‘मुसलमान’ होने का प्रमाण-पत्र दिया है, जिससे संघ परिवार की परेशानी बढ़ गई है.

सामना में लिखा है ‘ हनुमान जी पर विविध जातियों का लेबल लगाकर उत्तर प्रदेश विधानसभा में कोई नया रामायण लिखा जा रहा होगा तो इस नई रामकथा पर लगाम लगाओ. भाजपा के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा है कि, ‘भाजपा के कुछ लोग अति बोलते हैं. उनके मुंह में बांस ही डालना होगा.’

लेख में लिखा है, ‘तीन राज्यों की जनता ने बीजेपी को नकार दिया है. यह बांस नहीं है क्या? फिर भी हनुमान की जाति के प्रमाण-पत्र पर शुरू हुई नई रामायण आगे भी इसी तरह चलती रहेगी. रामायण के अन्य सभी पात्र अपनी-अपनी जाति के प्रमाण-पत्र तैयार रखें.’

शुक्रवार को उत्‍तर प्रदेश सरकार में धर्मार्थ कार्य मंत्री चौधरी लक्ष्‍मी नारायण ने भगवान हुनमान को जाट बता दिया था. चौधरी ने कहा कि ‘हम किसी भी स्‍वभाव से पता करते हैं कि ये किसके वंशज होंगे. जैसे वैश्‍य जाति को हम अग्रसेन महाराज के वंशज मानते हैं, क्‍योंकि महाराज अग्रसेन स्‍वयं व्‍यापार करते थे. जाट का स्‍वभाव होता है कि अगर किसी के साथ अन्‍याय हो रहा हो, तो वो बगैर बात के, चाहे वह जाने पहचान हो या न हो, वो उसमें जरूर कूद पड़ता है. ऐसे ही हनुमान जी भगवान राम की पत्‍नी सीता माता के अपहरण होने पर दास के रूप में शामिल हुए. यानि हनुमान जी की प्रवृति जाटों से मिलती है. इसलिए मैंने कहा कि हनुमान जी जाट ही होंगे.’

शुक्रवार शाम होते-होते बीजेपी के ही एक और नेता ने हनुमान जी को मुस्लिम बता दिया था. भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी बुक्कल नवाब ने कहा कि हनुमान जी पूरे विश्व के थे, हर धर्म के थे, हर मजहब के थे. उन्होंने कहा ‘हमारा मानना है कि हनुमान जी मुसलमान थे, इसलिए हमारे अंदर जो नाम रखे जाते हैं, रहमान, रमजान, फरमान, जिशान, कुर्बान, जैसे जितने भी नाम रखे जाते हैं, वो करीब-करीब हनुमान जी के नाम पर ही रखे जाते हैं.’

बुक्कल नवाब की मानें तो यही वजह है कि हनुमान के नाम पर कोई हिन्दू अपना नाम नहीं रखता.

Bureau Report

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