नईदिल्ली: देश के सबसे बड़े पीएनबी घोटाले के आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने विशेष पीएमएलए कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है. नीरव ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की उस याचिका के खिलाफ जवाब दिया है जिसमें उसे विशेष अदालत से आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित करने की मांग की गई थी. नीरव मोदी ने अपने जवाब में कहा है ‘मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है. पीएनबी घोटाला एक साधारण वित्तीय लेनदेन था, न कि बैंक घोटाला.’ उसने आगे कहा कि वह सुरक्षा कारणों से देश वापस नहीं आ सकता. इससे पहले ईडी ने नीरव के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए थाईलैंड में उसकी 13.14 करोड़ की संपत्ति सील की थी.
मॉब लिंचिंग की आशंका जताई थी
पिछले दिनों ब्रिटिश अधिकारियों की तरफ से भारत को जानकारी दी गई थी कि नीरव मोदी इन दिनों ब्रिटेन में है. इससे पहले दिसंबर में नीरव मोदी के वकील वी अग्रवाल ने कहा था कि उनके क्लाइंट ने CBI को किए एक मेल में अपनी सुरक्षा को लेकर खतरा जताया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह उनका पुतला फूंका जा रहा है, वैसे में अगर उनको भारत लाया जाता है तो उनकी मॉब लिंचिंग कर दी जाएगी क्योंकि यहां उसे राक्षस ‘रावण’ के रूप में देखा जाता है. हालांकि, ED की तरफ से नीरव के ‘जान के खतरे’ की दलील को ‘अप्रासंगिक’ बताया गया था.
बिना किसी कारण पोस्टर ब्वॉय बनाया
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से यह भी कहा गया था कि नीरव समन और ई-मेल मिलने के बावजूद जांच में सहयोग करने के लिए हाजिर नहीं हुआ. इससे यह पता चलता है कि वह भारत वापस आना ही नहीं चाहता. हालांकि, अग्रवाल ने कहा कि उनके मुवक्किल ने जांच एजेंसियों के ई-मेल का जवाब दिया था और ‘सुरक्षा संबंधी कारणों’ से वापस आने में असमर्थता जताई थी. अग्रवाल ने कहा था कि बैंक फ्राड मामले में उन्हें बिना किसी कारण का पोस्टर ब्वॉय बना दिया गया है.
पिछले दिनों विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि, ‘अगस्त, 2018 में सरकार ने ब्रिटेन के अधिकारियों को नीरव मोदी को भारत को प्रत्यर्पित किए जाने के लिए दो अनुरोध भेजे. एक अनुरोध सीबीआई की ओर से और दूसरा प्रवर्तन निदेशालय की ओर से था.’ ईडी ने पिछले साल नवंबर में नीरव मोदी की दुबई में 56 करोड़ रुपये से अधिक की 11 संपत्ति कुर्क की गई थी. पिछले साल अक्टूबर में जांच एजेंसी ने मोदी और उसके परिवार के सदस्यों की 637 करोड़ रुपये की संपत्ति भी कुर्क की थी.
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