नईदिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मुंबई के डांस बार मालिकों को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार का 2016 का कानून कानूनी रूप से वैध करार दिया लेकिन पुरानी कुछ शर्तों में बदलाव किया हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डांस बार में किसी भी तरह की अश्लीलता नहीं होनी चाहिए.
सुनवाई के दौरान सजा को लेकर जो प्रावधान है उसको सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बार बालाओं को टिप दी जा सकती है, लेकिन बार बालाओं पर पैसे या सिक्के नहीं उछाले जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के डांस बारों को शाम 6:30 बजे से 11:30 pm तक खोलने की इजाजत दी है. रात डेढ़ बजे तक की इजाजत नहीं दी गई है. कोर्ट ने डांस बार में सीसीटीवी लगाने की अनिवार्यता को भी हटा दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल-कॉलेज और धार्मिक स्थल से एक किलोमीटर की दूरी की शर्त को कोर्ट ने रदद् किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डांस बार एरिया और ग्राहकों के बीच दीवार नहीं होगी. सरकार ने नियम तय किया था कि ग्राहक ओर बार बालाओं के बीच एक 3 फुट ऊंचा बैरिकेड बनाया जाए, जिससे ग्राहक डांस तो देख सके मगर उन तक जा न सके. मुम्बई जैसे क्षेत्र में धार्मिक जगहों से एक किलोमीटर की दूरी पर डांस बार होने का नियम तर्क संगत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डांसर और मालिक के बीच वेतन फिक्स करना सही नहीं. ये अधिकार सरकार का नहीं बल्कि मालिक और डांसर के बीच आपसी कॉन्ट्रैक्ट का मामला है.
Bureau Report
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