उदयपुर: बढ़ती जनसंख्या के मुद्दे पर चिंता जताते हुए राजस्थान के पूर्व मंत्री और विधानसभा में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया कुछ ऐसी बात कह गए हैं, जिसपर कुछ लोग आपत्ति जता सकते हैं. गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि ‘यदि हम प्रति परिवार 2 बच्चों तक ही सीमित हैं, तो उन्हें (मुसलमानों को) भी एक ही नियम पर चलना चाहिए. अगर यह जारी रहेगा, तो देश कैसे आगे बढ़ेगा? कुछ कानूनों को बदलना आवश्यक है और यह तभी हो सकता है जब हमारे पास दो तिहाई बहुमत हो.’
गौरतलब है कि हाल ही में राजस्थान विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद गुलाबचंद कटारिया को बीजेपी ने नेता विपक्ष बनाया है. इसकेे बाद से ही गुलाबचंद कटारिया जनता के मुद्दों को लेकर काफी कड़क अंदाज में नजर आ रहे थे. यहां तक कि सदन के पहले दिन भी अपने तल्ख सवालों से सरकार को घेरते हुए कटारिया ने सरकार के आदेश को ही लंगड़ा आदेश बता दिया था. उन्होंने कहा था कि सरकार ने अपने आदेश में कुछ भी साफ़ नहीं किया है और यह सिर्फ किसानों के साथ धोखा है. कटारिया के बाद राजेन्द्र राठौड़ ने भी सरकार को इस मुद्दे पर घेरने की कोशिश की.
कटारिया के आरोपों के दौरान उनका निशाना सीधे तौर पर सरकार और सदन के नेता की तरफ़ था, लिहाजा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी अपनी बात कहने के साथ ही गहलोत ने कटारिया की भाषा शैली पर भी सवाल उठा दिया. उन्होंने सदन में सरकारी आदेश को लंगड़ा आदेश बताने पर ऐतराज जताते हुए इस शब्द को वापस लेने की मांग की. गहलोत यहीं नहीं रूके, उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि किसानों के लिए जारी सरकारी आदेश पर इस तरह की टिप्पणी कोई ‘लंगड़ी सोच’ ही कर सकती है.
बता दें कि पूर्व में गृह मंत्री रहे गुलाब चंद कटारिया भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कद्दावर नेताओं में शुमार है. वह लगभग चार दशक से राजस्थान की राजनीति में सक्रिए हैं. कटारिया पहली बार 1970 में विधायक चुने गए थे. वह 1989 से 91 तक दो वर्षों के लिए नौवीं लोकसभा के सदस्य भी निर्वाचित हुए थे. पहली बार उन्हें वर्ष 1993 में राजस्थान सरकार में मंत्री बनाया गया था. उसके बाद वह राजस्थान में बीजेपी की हर सरकार में मंत्री पद पर रहे हैं.
गुलाबचंद कटारिया का नाम बहुचर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में भी उछला था. सीबीआई ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था. 2015 में उन्हें इस केस से बरी कर दिया गया. ज्ञात हो कि सोहराबुद्दीन शेख, उनकी पत्नी कौसर बी और तुलसी प्रजापति की हत्या के वक्त कटारिया राजस्थान के गृह मंत्री थे. इन पर हत्या, सबूतों को मिटाने और आपराधिक साजिश रचने के मामले चले थे. आईपीसी की कई धाराओं के तहत कटारिया के खिलाफ सीबीआई ने मामले दर्ज किए थे.
Bureau Report
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