नईदिल्ली: मेघालय के जयंतिया हिल्स जिले में कोयला खदान में फंसे मजदूरों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.मजदूरों को बचाने के लिए और कारगर कदम उठाने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज (3 जनवरी) को सुनवाई की. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि आखिर अब तक मजदूरों को क्यों नहीं बचाया जा सका है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार से कोयला खदान में फंसे 15 मजदूरों के बचाव अभियान के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी.
इस पर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि सरकार मजूदरों के बचाव कार्य के लिए पूरजोर कोशिश कर रही है. उन्हें खदान से बचाने के लिए 14 दिसंबर से 72 एनडीआरएफ कर्मी और नौसेना व कोल इंडिया के 14 कर्मी लगातार कार्य कर रहे हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि इतने प्रयासों के बाद भी आखिर आप लोग सफल क्यों नहीं हो पाए. सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि हम बचाव कार्य से संतुष्ट नहीं हैं.
आपको बता दें कि करीब 15 खनिक 13 दिसंबर को एक कोयला खदान में फंस गए थे. खदान में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम के 70 अधिकारी मौजूद हैं. एनडीआरएफ ने स्थानीय प्रशासन से कम से कम दस 100-एचपी पंप की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया. एनडीआरएफ के अधिकारियों का कहना है कि 14 दिन में केवल खदान में फंसे लोगों के 3 हेलमेट ही मिल पाए हैं. लगभग 300 फीट खदान में फंसे लोगों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है.
Bureau Report
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