लखनऊः उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के तीन सदस्यों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खत लिखकर यह मांग की है के उत्तर प्रदेश के मदरसों के कामकाज उर्दू के साथ हिंदी में भी लिखे जाएं क्योंकि मदरसों में उर्दू में लिखे गए कामकाज इनकी समझ से परे हैं. हालांकि अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन तनवीर हैदर उस्मानी ने सख्त हिदायत जारी की थी कि कोई भी आयोग का सदस्य मदरसों की जांच पर नहीं जाएगा, क्योंकि यह मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी के निर्देश हैं.
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के मेंबर परविंदर सिंह रूमाना सिद्दीकी और इकबाल हैदर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ख़त के जरिए मांग रखी है कि मदरसों के कामकाज उर्दू में उनकी पूरी तरह से समझ में नहीं आते हैं लिहाजा यह काम कामकाज हिंदी में होना चाहिए. ख़त लिखने वाले सदस्यों में शामिल कुंवर इक़बाल हैदर का कहना है कि मदरसों में अगर हिंदी में कामकाज होगा तो वहां के हालात का सही से अंदाजा लगाया जा सकेगा.
जबकि आयोग के चेयरमैन तनवीर हैदर उस्मानी कुछ और ही तर्क देते नजर आ रहे हैं. तनवीर हैदर उस्मानी ने कुछ रोज पहले ही मदरसों में आयोग के सदस्यों की दखलअंदाजी की वजह से सख्त हिदायत जारी की थी. अपनी हिदायतों में उन्होंने कहा था कि अब आयोग का कोई भी सदस्य मदरसों की जांच करने नहीं जाएगा.
लेकिन इन तीन सदस्यों पर शायद चेयरमैन की बात का कोई असर नजर नहीं हुआ है, क्योंकि यह तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग कर रहे हैं कि इनको मदरसों में जांच के वक्त उर्दू समझ में नहीं आती है. लिहाजा मदरसों के कामकाज हिंदी में होना चाहिए.
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