नईदिल्ली: पुलवामा हमले के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में कश्मीरी छात्रों से मारपीट के मामले की सुप्रीम कोर्ट में शु्क्रवार को सुनवाई हुई. इस दौरान कश्मीरी मुस्लिम छात्रों को सुरक्षा देने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और 11 राज्यों को नोटिस जारी किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि सभी राज्य कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के लिए कदम उठाएं. भीड़ की हिंसा मामलों को देखने के लिए पहले से बने नोडल ऑफिसर भी उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोर्ट के आदेश और सुरक्षा के इंतजाम का व्यापक प्रचार हो. मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटरी, केंद्र शासित प्रदेशों और दिल्ली सरकार को आदेश जारी किए हैं कि कश्मीरी लोगों व अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले, बॉयकॉट व अन्य घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं. कोर्ट ने केंद्र को मामले में नोडल अधिकारी को नियुक्त करने के आदेश दिए. राज्यों में पूर्व में भीड़ द्वारा हिंसा मामलों में नियुक्त नोडल अधिकारी ऐसे मामलों की भी समीक्षा करेंगे. सभी राज्यों के डीजीपी उचित कदम उठाकर ऐसी घटनाओं को रोके.
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, मेघालय, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड से जवाब मांगा. याचिकाकर्ता ने उक्त राज्यों में कश्मीरी लोगों के साथ घटनाएं होने की बात कही है.
वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्विस ने याचिका दायर कर कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की थी. दरअसल, पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को गाइडलाइन जारी की थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कश्मीरी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा था. कश्मीरियों पर हमले की खबरें सामने आने के बाद कश्मीर में बंद का ऐलान किया गया था. गृह मंत्रालय ने कहा था कि पुलवामा में आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों और छात्रों को धमकी और परेशान करने की रिपोर्ट्स सामने आई हैं.
इसलिए गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा था कि उनकी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएं. वहीं जम्मू में दर्जनों वाहनों को आग लगा दी गई थी. शहर में तीसरे दिन लगातार कर्फ्यू जारी थी. देहरादून में किराए के घरों में रह रहे कुछ कश्मीरी छात्रों ने बताया था कि उनके मकान मालिकों ने उनसे घर खाली करने के लिए कहा, जो कि उनकी संपत्ति पर हमले से डर रहे हैं.
Bureau Report
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