कुलभूषण जाधव केस में ICJ में सुनवाई जारी, जज ने दलील दे रहे पाकिस्‍तानी वकील को टोका…

कुलभूषण जाधव केस में ICJ में सुनवाई जारी, जज ने दलील दे रहे पाकिस्‍तानी वकील को टोका...द हेग : अंतरराष्‍ट्रीय अदालत (ICJ) में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव केस में दूसरे दिन मंगलवार को (भारतीय समयानुसार दोपहर 2.30 बजे) सुनवाई शुरू हो गई. इस वक्‍त पाकिस्‍तान की तरफ से सीनियर वकील खावर कुरैशी अपनी दलीलें रख रहे हैं. इस केस में जब पाकिस्‍तानी लॉयर अपनी दलीलें रख रहे थे और वह कुलभूषण जाधव के कथित नकली पासपोर्ट रखने और उससे संबंधित अपना पक्ष रहे थे तो वह बेहत तेजी से बोल रहे थे. इस पर आईसीजे के जजों के पैनल के अध्‍यक्ष अब्‍दुल कावी अहमद युसूफ ने उन्‍हें टोकते हुए कहा कि कृपया धीरे बोलें. इस पर कुरैशी ने उनकी बात मानते हुए अपना पक्ष धीरे-धीरे रखना शुरू किया. उन्‍होंने कहा कि इस मामले में भारत का आचरण अप्रासंगिक है.

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में सोमवार को कुलभूषण जाधव से संबंधित मामले में भारतीय पक्ष द्वारा अपनी दलीलें पेश किए जाने के बाद अदालत द्वारा सुनवाई मंगलवार तक स्थगित कर दी गई थी. भारत को 20 फरवरी को फिर से अपना रुख पेश करने का मौका दिया जाएगा, जबकि पाकिस्तान 21 फरवरी को मामले में अंतिम दलीलें देगा.

इससे पहले सोमवार को पाकिस्तान ने कहा था कि उसने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) में कुलभूषण जाधव को लेकर जो प्रमुख सवाल पूछे थे, भारत ने उन सवालों के जवाब नहीं दिए. पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव को मौत की सजा सुनाई हुई है.

आईसीजे मुख्यालय में यहां सोमवार को चार दिवसीय सुनवाई ऐसे समय शुरू हुई है, जब जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद द्वारा किये गये आतंकी हमले में 41 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है.

सुनवाई के पहले दिन भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) से अपील की कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव को दिये गये मृत्युदंड को निरस्त किया जाए और उनकी तत्काल रिहाई के आदेश दिये जाएं, क्योंकि पाकिस्तान की सैन्य अदालत में जाधव के खिलाफ सुनाया गया फैसला तय प्रक्रियाओं के न्यूनतम स्तर को संतुष्ट करने में भी निराशापूर्ण तरीके से विफल रहा. 

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक संदेश में कहा कि भारत के तर्क में कुछ भी नया नहीं है.

Bureau Report

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