जिस कंपनी ने 501 रुपए में दुनिया को मुठ्ठी में करना सिखाया, आज हो गई दिवालिया

जिस कंपनी ने 501 रुपए में दुनिया को मुठ्ठी में करना सिखाया, आज हो गई दिवालियानईदिल्ली: अनिल अंबानी (Anil Ambani) की रिलायंस कम्युनिकेशंस (R-COM) दिवालिया हो गई है. आरकॉम वह कंपनी है जिसने पहली बार लोगों तक बेहद सस्ती कीमत में मोबाइल पहुंचाया. साल 2000 के शुरुआती वर्ष में भारत में मोबाइल आम चलन में शुरू हुआ था. उस दौर में मोबाइल रखना स्टेटस सिंबल था. पब्लिक सेक्टर की कंपनी BSNL के अलावा एक-दो निजी कंपनियां थीं जो मोबाइल कनेक्शन उपलब्ध कराती थीं. उस दौर में मोबाइल कनेक्शन लेना और उसे यूज करना काफी महंगा होता था. ऐसे में साल 2001 में R-COM ने महज 501 रुपए में लोगों को मोबाइल के सिम कार्ड उपलब्ध कराए थे. R-COM के विज्ञापन की टैग लाइन – ‘कर लो दुनिया मुठ्ठी में’ काफी लोकप्रिय हुआ करता था.

इसके बाद समय-समय पर कई ऐसे मौके आए जब R-COM ने लोगों को ना केवल सस्ते कनेक्शन बल्कि सस्ते मोबाइल भी उपलब्ध कराए. उस दौर में R-COM दूसरों के मुकाबले सस्ती दरों पर मोबाइल कनेक्शन उपलब्ध कराते रहे. हाई स्पीड स्पेक्ट्रम को हासिल करने में असफल हुई R-COM आज लोगों के लिए अनुपयोगी हो चुकी है, आलम यह है कि यह दिवालिया हो चुकी है. आज के समय में अनिल अंबानी के बड़े भाई मुकेश अंबानी की कंपनी JIO मोबाइल कनेक्शन की दुनिया में नंबर एक खिलाड़ी हैं.

आरकॉम ने कर्ज भुगतान के लिये संपत्तियों की बिक्री में असफल रहने पर दिवाला एवं ऋणशोधन कानून के तहत समाधान प्रक्रिया में जाने का निर्णय लिया है. कंपनी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘रिलायंस कम्युनिकेशंस के निदेशक मंडल ने एनसीएलटी के माध्यम से ऋण समाधान योजना लागू करने का निर्णय किया है.’

निदेशक मंडल ने शुक्रवार को कंपनी की कर्ज निपटान योजना की समीक्षा की. निदेशक मंडल ने पाया कि 18 महीने बीत जाने के बाद भी संपत्तियों को बेचने की योजनाओं से कर्ज दाताओं को अब तक कुछ भी नहीं मिल पाया है.

बयान में कहा गया, ‘इसी के आधार पर निदेशक मंडल ने तय किया कि कंपनी एनसीएलटी मुंबई के जरिये तेजी से समाधान का विकल्प चुनेगी. निदेशक मंडल का मानना है कि यह कदम सभी संबंधित पक्षों के हित में होगा.’

अवमानना मामले में अनिल अंबानी को सर्वोच्च न्यायालय का नोटिस
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार कंपनी एरिक्सन द्वारा उसके 550 करोड़ रुपये के कर्ज को नहीं चुकाने को लेकर दाखिल अवमानना मामले में रिलायंस कंम्यूनिकेशंस (आरकॉम) के अध्यक्ष अनिल अंबानी से जवाब मांगा है. न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने एरिक्सन इंडिया के अधिकृत प्रतिनिधि विशाल गर्ग द्वारा दाखिल अवमानना मामले में अंबानी को नोटिस भेजा है. कंपनी ने आरोप लगाया है कि आरकॉम ने शीर्ष अदालत के तीन अगस्त, 2018 और 23 अक्टूबर, 2018 के उन आदेशों का उल्लंघन किया है, जिनमें आरकॉम को कहा गया था कि वह एरिक्सन को 550 करोड़ रुपये चुकाए.

अंबानी के अलावा अवमानना मामले में अन्य दो – रिलायंस टेलीकॉम लि. के अध्यक्ष सतीश सेठ और रिलायंस इंफ्राटेल लि. के अध्यक्ष छाया विरानी को भी वादी बनाया गया है.

अदालत ने नोटिस का जवाब देने के लिए पांच हफ्तों का समय दिया है.

इस आदेश पर रिलायंस कम्यूनिकेशंस के प्रवक्ता ने कहा, “एरिक्सन द्वारा दाखिल अवमानना याचिका पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने जवाब देने के लिए चार हफ्तों का वक्त दिया है. इसके बाद एरिक्सन को प्रतिवाद के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है. उसके बाद इस मामले पर सुनवाई होगी.”

प्रवक्ता ने कहा था, ‘आरकॉम ने कंपनी के पास उपलब्ध परिचालन फंड से एरिक्सन को 131 करोड़ रुपये का आंशिक भुगतान किया है. आरकॉम मामले को सुलझाने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है और स्पेक्ट्रम बिक्री की आय से एरिक्सन को भुगतान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.’ रिलायंस ने अदालत से कहा था कि रिलायंस जियो के साथ स्पेक्ट्रम का सौदा होते ही वह सभी बकाया भुगतान कर देगा.

Bureau Report

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*