वेल्लोरः तमिलनाडु वेल्लोर के तिरुपत्तूर की रहने वाली स्नेहा भारत की ऐसी पहली महिला बन गई हैं, जिनकी ना तो कोई जाति है और ना ही धर्म. पहचान के लिए सिर्फ नाम ही काफी है. स्नेहा ने ‘No Caste, No Religion’ सर्टिफिकेट बनवाकर खुद को जाति, धर्म के बंधन से छुड़ा लिया है और अब अपने नाम के दम पर ही अपनी पहचान बना ली है. स्नेहा ने बीते 5 फरवरी को अपना ‘No Caste, No Religion’ सर्टिफिकेट बनवाते हुए खुद को जाति, धर्म से अलग-थलग कर लिया है. बता दें स्नेहा बचपन से ही किसी भी फॉर्म पर जाति और धर्म का कॉलम खाली ही छोड़ती आ रही हैं. उन्होंने बचपन से ही इस कॉलम को कभी नहीं भरा.
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