नईदिल्ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने प्रत्यक्ष कर संग्रह में गिरावट को लेकर चिंता जताई. साथ ही आयकर विभाग को बड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है. दरअसल, प्रत्यक्ष कर संग्रह निर्धारित लक्ष्य से 15 प्रतिशत कम है और वित्त वर्ष खत्म होने में एक हफ्ते से भी कम का समय रह गया है. सीबीडीटी की सदस्य (राजस्व) नीना कुमार ने 26 मार्च को विभाग के सभी क्षेत्रीय प्रमुखों को लिखे पत्र में कहा कि कर संग्रह आंकड़ों की ‘समीक्षा’ की गई है. इसमें देखा गया है कि बजट में कर संग्रह का लक्ष्य 12,00,000 करोड़ रुपये रखा गया था लेकिन 23 मार्च तक 10,21,251 करोड़ रुपये ही एकत्र किए गए है. यह लक्ष्य का 85.1 प्रतिशत है.
गिरावट बढ़कर 6.9 प्रतिशत पर आई
देशभर में आयकर विभाग के कर संग्रह पर नजर रखने वाले अधिकारी ने उन क्षेत्रों को नोटिफाई किया जहां व्यक्तिगत, कॉरपोरेट और अग्रिम कर श्रेणियों से मिलने वाले प्रत्यक्ष कर संग्रह में गिरावट आई है. कुमार ने पत्र में कहा, ‘श्रेणीवार विश्लेषण में नियमित कर संग्रह में कमी का रुख दिख रहा है. पिछले सप्ताह इसमें 5.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी जो अब बढ़कर 6.9 प्रतिशत पर आ गई है. यह चिंताजनक स्थिति है, जिसकी तरफ तुरंत ध्यान देने की जरूरत है.’
अधिकारी ने इस स्थिति पर निराशा जतायी और कर अधिकारियों से कमर कसने और प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य को हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ने को कहा है. सीबीडीटी, आयकर विभाग के लिए नीतियां तैयार करती है और उसको नियंत्रित करने वाली इकाई भी है. कुमार ने चिट्ठी में कहा कि नियमित कर आकलन प्रदर्शन का पैमाना (बेंचमार्क) है और यह कर मांग की गुणवत्ता पर आधारित होता है, जिसे आगे वास्तविक संग्रह में तब्दील किया जा सकता है.
बोर्ड ने आयकर अधिकारियों के साथ इस बारे में रणनीति पर चर्चा की थी और उम्मीद जताई थी कि संग्रह में सुधार होगा. लेकिन आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं. उन्होंने आयकर विभाग से तत्काल हरसंभव कदम उठाने को कहा है ताकि मौजूदा और बकाया कर की वसूली हो सके और लक्ष्य हासिल किया जा सके.
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