चेन्नईः मद्रास उच्च न्यायालय ने चुनाव अधिकारियों को तमिलनाडु में सार्वजनिक स्थानों पर राजनीतिक दलों के अनधिकृत झंडों वाले डंडे एक अप्रैल तक हटाने के निर्देश दिए हैं. न्यायमूर्ति एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने सोमवार को एक जनहित याचिका पर ये निर्देश दिए. याचिका में सार्वजनिक स्थानों पर डंडे लगाने पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग की गई है. न्यायालय ने इन्हें अनाधिकृत करार देते हुए अधिकारियों से इसे हटाने की बात कही है.
सलेम निवासी याचिकाकर्ता ए राधाकृष्णन ने कहा कि ज्यादातर राजनीतिक दलों ने सड़क के किनारे, पार्कों और खेल के मैदानों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर ”अतिक्रमण” कर रखा है और स्थायी तौर पर अपने झंडों वाले डंडे लगा रखे हैं जिससे अड़चन हो रही है. उन्होंने दावा किया कि झंडों वाले डंडे लगाने को लेकर प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के बीच विवाद और झड़पें हुईं. उन्होंने कहा कि पार्टी सम्मेलनों, जनसभाओं के दौरान ड्रिलिंग मशीन का इस्तेमाल कर अस्थायी डंडे लगाने के कारण भूमिगत दूरसंचार और बिजली के तारों को भी नुकसान पहुंचा है.
जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार के वकील ने कहा कि ग्रामीण और शहरी इलाकों में झंडे वाले 58,172 डंडे हटाए गए हैं और अन्य 799 डंडे हटाए जा रहे हैं. याचिकाकर्ता ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने पुलिस और राजस्व अधिकारियों को राजनीतिक दलों द्वारा लगाए ऐसे सभी झंडे वाले डंडे और होर्डिंग्स हटाने के लिए कहा है.
Bureau Report
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