लोकसभा चुनाव 2019: मुंबई दक्षिण मध्‍य सीट पर 25 साल रहा शिवसेना का कब्‍जा, यहीं है झुग्‍गी बस्‍ती धारावी

लोकसभा चुनाव 2019: मुंबई दक्षिण मध्‍य सीट पर 25 साल रहा शिवसेना का कब्‍जा, यहीं है झुग्‍गी बस्‍ती धारावीमहाराष्‍ट्र: महाराष्‍ट्र की मुंबई दक्षिण मध्‍य लोकसभा सीट कई मायनों में महत्‍वपूर्ण है. सबसे बड़ी झुग्‍गी बस्‍‍‍ती धारावी भी इसी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. वहीं यह सीट शिवसेना की परंपरागत सीट माना जाता है. शिवसेना का यहां 25 साल तक राज रहा है. इसके बाद 2009 में चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर सेंध लगाई थी. हालांकि शिवसेना ने 2014 में वापस अपनी इस सीट पर कब्‍जा कर लिया था.

6 विधानसभा क्षेत्र हैं
मुंबई दक्षिण मध्‍य लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 6 विधानसभा क्षेत्र आती हैं. इनमें से तीन पर शिवसेना का कब्‍जा है, दो पर कांग्रेस का और एक पर बीजेपी का कब्‍जा रहा है. अनुशक्ति नगर से शिवसेना के तुकाराम काते विधायक हैं. चेंबूर से शिवसेना के प्रकाश फाटरपेकर विधायक हैं. माहिम से शिवसेना के सदा सर्वांकर विधायक हैं. वहीं धारावी की विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्‍जा है. यहां से वर्षा गायकवाड़ विधायक हैं. सायन कोलीवाडा सीट से बीजेपी के कैप्‍टन आर तमिल सेल्‍वन विधायक हैं. वडाला से कांग्रेस के कालिदास कोलंबकर विधायक हैं.

25 साल तक रहा शिवसेना का राज
महाराष्‍ट्र की मुंबई दक्षिण मध्‍य लोकसभा सीट पर शिवसेना का 25 साल तक कब्‍जा रहा है. इसमें से 20 साल तक यह सीट लगातार शिवसेना के पास रही है. 1989 में पहली बार शिवसेना ने यहां जीत दर्ज की थी. वामनराव महादिक शिवसेना की टिकट पर यहां से जीते थे. इसके बाद 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में शिवसेना ने मोहन रवाले को यहां से मैदान में उतारा. मोहन रवाले ने चुनाव जीता और 1991 से लेकर 2009 तक इस सीट से सांसद रहे. 2009 में कांग्रेस ने एकनाथ गायकवाड को यहां से चुनावी मैदान में उतारा. गायकवाड ने यहां से जीत हासिल की और यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई. हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना ने फिर इस सीट को कब्‍जाया. यहां से मौजूदा सांसद राहुल शेवाले हैं.

7 लाख तक है धारावी की आबादी
मुंबई में बसी झुग्‍गी बस्‍‍‍ती धारावी का क्षेत्रफल 2.1 वर्ग किमी है. यहां की आबादी 7 लाख के बीच अनुमानित है. किसी भी चुनाव में यहां के मतदाता बड़ी भूमिका निभाते हैं. झुग्‍गी झोपड़ी वाला यह क्षेत्र ब्रिटिश काल में 1883 में अस्तित्‍व में आया था. इस क्षेत्र में कई छोटी-छोटी फैक्‍टरी चलती हैं. जिनमें बड़ी संख्‍या में लोग काम करते हैं.

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