अवमानना मामला: SC ने राहुल गांधी को नोटिस जारी किया, 22 अप्रैल तक जवाब देने को कहा

अवमानना मामला: SC ने राहुल गांधी को नोटिस जारी किया, 22 अप्रैल तक जवाब देने को कहानईदिल्‍ली: राफेल मुद्दे पर बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी की राहुल गांधी के खिलाफ सु्प्रीम कोर्ट की अवमानना संबंधी याचिका पर कोर्ट ने राहुल गांधी को नोटिस जारी कर 22 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है. राहुल गांधी पर सुप्रीम कोर्ट के बयान को गलत तरह से पेश करने का आरोप है. याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी ने राफेल मामले में गोपनीय दस्तावेज को भी बहस का हिस्सा बनाने के फैसले को गलत तरीके से पेश किया.

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हमने फ़ैसले में ऐसा कोई कमेंट (राहुल गांधी के बयान जैसा) नहीं दिया है. हमारा फैसला सिर्फ याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश दस्तावेजों की स्वीकार्यता के क़ानूनी पहलू तक सीमित था. लिहाजा कोर्ट ने राहुल गांधी से उनके बयान पर सफाई मांगी है. याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के राफेल पर पिछले दिनों आये आदेश के बाद राहुल गांधी ने ‘चौकीदार चोर है’ के अपने बयान को ऐसे पेश किया जैसे कोर्ट ने अपने फैसले में ऐसा कहा हो.

क्‍या है मामला
दरअसल, राफेल डील को लेकर पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि चौकीदार चोर है. मीनाक्षी लेखी का कहना है कि राफेल मामले में गोपनीय दस्तावेज को भी बहस का हिस्सा बनाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने गलत तरीके से पेश किया है.

मीनाक्षी लेखी ने राहुल पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्‍होंने ‘चौकीदार चोर है’ के अपने बयान को सुप्रीम कोर्ट के बयान की तरह प्रस्तुत किया है. उन्‍होंने कहा था कि राफेल पर पुनर्विचार याचिका के मामले में SC के फैसले के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि चौकीदार चोर है, जोकि सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है.

सुप्रीम कोर्ट में राफेल केस की चल रही सुनवाई
आपको बता दें कि राफेल डील मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका बड़ा झटका लगा था. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस आपत्ति को खारिज कर दिया था, जिसमें गोपनीय दस्तावेजों के आधार पर पुनर्विचार खारिज करने की मांग की गई थी. कोर्ट ने कहा था कि गोपनीय दस्तावेज के आधार पर आगे पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी. सरकार ने गोपनीय दस्तावेज के आधार पर पुनर्विचार खारिज करने की मांग की थी.

14 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की शुरुआती आपत्तियों (गोपनीयता, विशेषाधिकार, राष्ट्रीय सुरक्षा) पर आदेश सुरक्षित रख लिया था.इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल कर कहा था कि केंद्र सरकार की बिना मंजूरी के संवेदनशील दस्तावेजों की फोटोकॉपी की गई. इन दस्तावेजों की अनाधिकृत फोटोकॉपी के जरिये की गई चोरी ने देश की सुरक्षा, सम्प्रभुता और दूसरे देशों के साथ दोस्ताना संबंधों को बुरी तरह प्रभावित किया है. केंद्र ने कहा था कि पुनर्विचार याचिका के साथ संलग्‍न दस्तावेज एयरक्राफ्ट की युद्ध क्षमता से जुड़े है. याचिकाकर्ताओं ने बेहद गोपनीय जानकारी को लीक किया है.

रक्षा मंत्रालय ने आगे हलफनामे में कहा था कि राफेल मामले में दायर पुनर्विचार याचिका सार्वजनिक रूप से सबको उपलब्ध है, हमारे प्रतिद्वंद्वी या दुश्मनों की भी इस तक पहुंच है.ये राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालना वाला है.आपको बता दें कि इस वक्त सुप्रीम कोर्ट राफेल डील के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने सौदे के बारे में रक्षा मंत्रालय की उस फ़ाइल नोटिंग को पेश किया जिसे हिन्दू अख़बार ने छापा था,लेकिन अटार्नी जनरल ने इस पर आपत्ति जताई और कहा था कि ये चोरी किया हुआ है, जांच चल रही है मुक़दमा किया जाएगा.

 

Bureau Report

 

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