UP: वे 11 सीटें जहां पिछले 20 साल से सपा, बसपा को नसीब नहीं हुई जीत

UP: वे 11 सीटें जहां पिछले 20 साल से सपा, बसपा को नसीब नहीं हुई जीतलखनऊ: उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी के साथ ही कांग्रेस पार्टी के गढ़ अमेठी और रायबरेली समेत 11 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां पिछले दो दशकों में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी जीत का परचम नहीं लहरा पाई हैं. लखनऊ, वाराणसी, अमेठी और रायबरेली के अलावा दोनों दल बागपत, बरेली, पीलीभीत, कानपुर, मथुरा, हाथरस और कुशीनगर में भी जीत हासिल नहीं कर पाए हैं. हालांकि जाति आधारित गणित के आधार पर सपा और बसपा रालोद के साथ गठबंधन करके राज्य में अधिक से अधिक सीटें जीतने की जुगत लगा रही हैं. राज्य में लोकसभा की 80 सीटें हैं.

रायबरेली और अमेठी
गठबंधन के बाद दोनों दलों ने रायबरेली और अमेठी सीटें क्रमश: संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए छोड़ दी हैं. बागपत और मथुरा में रालोद चुनाव लड़ रही है और शेष सात सीटों पर सपा उम्मीदवार मैदान में हैं. भाजपा के गढ़ लखनऊ को लेकर गठबंधन ने अभी कोई फैसला नहीं किया है और अभी कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया है.

लखनऊ
वर्ष 1998, 1999 और 2004 में इस सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी जीते थे, 2009 और 2014 में भाजपा के लालजी टंडन एवं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जीत हासिल की थी.

कानपुर
कानपुर सीट 1999 से 2009 तक कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल और 2014 में भाजपा के मुरली मनोहर जोशी के पास थी. जायसवाल के सामने भाजपा उम्मीदवार सत्यदेव पचौरी हैं जबकि सपा ने इस बार राम कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है.

वाराणसी
वाराणसी सीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में जीती थी. इस पर भाजपा के मुरली मनोहर जोशी ने 2009 में, कांग्रेस के राजेश कुमार मिश्रा ने 2004 में और भाजपा के शंकर प्रसाद जायसवाल ने 1999 में जीत दर्ज की थी.

बागपत और मथुरा
बागपत और मथुरा में भी सपा, बसपा को जीत नहीं मिल सकी है, लेकिन रालोद के सहयोग से इस बार परिणाम बदल सकते हैं. बागपत में भाजपा के सत्यपाल सिंह के खिलाफ रालोद के जयंत चौधरी चुनाव मैदान में हैं जबकि मथुरा में रालोद के कुंवर नरेंद्र सिंह भाजपा की हेमामालिनी को चुनौती दे रहे हैं.

पीलीभीत
पीलीभीत पर भी 1999 से भाजपा को ही जीत मिली है. केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने 1999, 2004 और 2014 में यह सीट जीती थी और उनके बेटे वरुण गांधी ने 2009 में इस सीट से जीत हासिल की थी. इस बार इस सीट पर वरुण गांधी के सामने सपा के हेमराज वर्मा मैदान में हैं.

बरेली
बरेली सीट पर भी भाजपा उम्मीदवार संतोष गंगवार 1999 से जीत हासिल करते आए हैं. उन्हें केवल 2009 में हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें तब कांग्रेस उम्मीदवार प्रवीण सिंह ऐरन ने हराया था.

हाथरस और कुशीनगर
दोनों दल पिछले दो दशकों में हाथरस और कुशीनगर में भी जीत हासिल नहीं कर पाए हैं. इन सीटों पर जीत हासिल नहीं कर पाने के बारे में पूछे जाने पर सपा नेता राजपाल कश्यप ने कहा, ‘‘राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं कहा जा सकता. हालात बदलते रहते हैं. इस बार गठबंधन में हमारे उम्मीदवार जीत हासिल करेंगे.’’

Bureau Report

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*