ओमप्रकाश राजभर यूपी मंत्रिमंडल से बर्खास्‍त, CM योगी ने राज्‍यपाल से की सिफारिश

ओमप्रकाश राजभर यूपी मंत्रिमंडल से बर्खास्‍त, CM योगी ने राज्‍यपाल से की सिफारिशलखनऊ: लगातार बागी तेवर अख्तियार करने वाले यूपी के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्‍त कर दिया गया है. सीएम योगी ने राज्‍यपाल से बर्खास्‍त करने की सिफारिश की थी. राजभर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्‍यक्ष हैं.  वह पिछड़ा वर्ग कल्‍याण एवं दिव्‍यांग सशक्‍तीकरण मंत्री थे. इसके साथ ही राजभर से जुड़े लोगों को निषमों और परिषदों से भी तत्‍काल प्रभाव से हटा दिया गया है. उल्‍लेखनीय है कि राजभर ने इससे पहले इस्‍तीफा देने की घोषणा की थी लेकिन उसको तब स्‍वीकार नहीं किया गया था.

इस संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए राजभर ने कहा कि वह सीएम योगी के इस फैसले का स्‍वागत करते हैं. पिछड़ों के हक के लिए लड़ने की कीमत चुकानी पड़ी है. बीजेपी नेता भले ही पिछड़ों के लिए न बोलें लेकिन राजभर को ऐसा करने से नहीं रोका जा सकता. हम पिछड़ों की लड़ाई लड़ते हैं और उनके पास समय नहीं है. हम अपने अधिकार के लिए निकले, लड़ाई जारी रहेगी. सरकार पर निशाना साधते हुए इसके साथ ही राजभर ने कहा कि सबका साथ-सबका विकास की बात करते हो तो सबको दो. हक के लिए लड़ना गुनाह है तो गुनाह बार-बार करूंगा.

योगी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि शिक्षा में सुधार कैसे हो इसमें उन्हें कोई जल्दबाजी नहीं है. यूपी में शराब बंद करने की फुर्सत नहीं है. हम पिछड़ों की लड़ाई लड़ते हैं. हम पिछड़ों के अधिकार की लड़ाई लड़ते हैं. जितनी तेजी से आपने आज फैसला लिया है उतनी तेजी से बाकी फैसले लें.

ओपी राजभर ने कहा कि 3 लाख 65 हजार पद खाली हैं, उनको भरने का समय नहीं है. आप सबके साथ सबके विकास की बात करते हैं तो सबको मिलना चाहिए. बीजेपी के बारे में कहा कि लोकसभा चुनाव में जब हमने लड़ने की बात कही तो उन्‍होंने अपनी पार्टी से लड़ने की जिद की. वो तो चुनाव था लेकिन उसी दिन तय हो गया था साथ नहीं रहना है. चुनाव से 2 महीने पहले बताया होता तो कुछ होता. अब क्या अब तीन साल का समय है तैयारी करेंगे.

राजभर ने कहा कि कल तक मैं अकेले था आज तो करोड़ों लोग हैं. रण में राणा जैसे योद्धा का साथ हो तो उसको क्या दिक्कत. हक मांगना अगर बगावत है तो समझो हम बागी हैं.

ओमप्रकाश राजभर की भविष्‍यवाणी
इससे पहले रविवार को बीजेपी के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि बीजेपी लोकसभा चुनाव हारने जा रही है. ओमप्रकाश राजभर ने सातवें चरण के चुनाव में बलिया के मीरगंज प्राथमिक विद्यालय में अपने पूरे परिवार के साथ मतदान किया. उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी (सपा) – बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गठबंधन को भारी जीत मिलेगी.

किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलेगा
ओमप्रकाश राजभर ने कहा, ‘इस बार किसी भी दल को देश में पूरा बहुमत नहीं मिलेगा. लेकिन पूर्वांचल में सपा-बसपा के गठबंधन को भारी जीत मिलेगी. पूर्वाचल की कम से कम 30 सीटों पर हमारा साथ न मिलने से बीजेपी को प्रभाव पड़ेगा. गोरखपुर, गाजीपुर और बलिया सीट बीजेपी हार रही है.’

बीजेपी यूपी में केवल 15 सीटें जीतेगी
राजभर ने दावा किया कि प्रदेश से बीजेपी को सिर्फ 15 सीटें मिलेंगी. सपा-बसपा गठबंधन को 55 से 60 सीटें हासिल होंगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के खाते में ढाई सीट ही आएगी. इससे पहले भी ओमप्रकाश राजभर ने भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि इस बार दिल्ली की कुर्सी पर एक दलित की बेटी बैठेगी. उन्होंने कहा, ‘हम बीजेपी को वोट नहीं दिलाएंगे. मैं एक घोसी की सीट मांग रहा था, लेकिन हमें नहीं दी गई. देश के चुनाव में हम उनके साथ नहीं हैं.’ सपा-बसपा गठबंधन में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति में विकल्प हमेशा खुले रहते हैं. सुभासपा की बढ़ती ताकत से बीजेपी चिंतित रही है. उन्होंने कहा, ‘मैंने मंत्री पद छोड़ दिया है. मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि इस्तीफा स्वीकार करना या नहीं करना राष्ट्रीय अध्यक्ष का विषय है.’

3 सीटों पर मायावती-अखिलेश के प्रत्याशी को किया था सपोर्ट
उल्‍लेखनीय है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने लोकसभा चुनाव के 7वें चरण में पूर्वांचल की तीन सीटों पर विपक्षी दलों के प्रत्याशियों को समर्थन दिया है. लोकसभा चुनाव में भाजपा से टिकट को लेकर नाराज चल रहे राजभर ने मिर्जापुर में कांग्रेस और महाराजगंज तथा बांसगांव में गठबंधन प्रत्याशियों को समर्थन देने का फैसला लिया है. सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने बताया कि मिर्जापुर, महाराजगंज और बांसगांव में पार्टी के घोषित प्रत्याशियों का पर्चा खारिज होने की वजह से यह फैसला लिया गया है. अरुण राजभर ने कहा कि पर्चा खारिज होने के बाद कार्यकर्ताओं के सुझाव पर पार्टी ने कांग्रेस और गठबंधन प्रत्याशियों को समर्थन देने का फैसला लिया है. इन तीनों सीटों पर पार्टी कार्यकर्ता भाजपा प्रत्याशी को हराने का काम करेंगे.

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