नईदिल्लीः बीजपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. वहीं डीएमके नेता कनिमोझी ने भी राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. बता दें कि इन तीनों नेताओं ने हाल ही संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में अपनी अपनी पार्टियों से जीत दर्ज की है. बिहार की पटना साहिब सीट से रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा को हराया है. वहीं अमित शाह भी पहली बार लोकसभा पहुंचे हैं. अमित शाह ने गांधीनगर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है.
राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक आज (बुधवार) को तीन सदस्यों ने अपने पद से इस्तीफा दिया. जिनमें अमित शाह, रविशंकर प्रसाद और कनिमोझी शामिल है.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और द्रमुक नेता कनिमोई 2019 के लोकसभा चुनाव के ऐसे प्रमुख विजेताओं में शामिल हैं जो फिलहाल राज्यसभा सदस्य हैं. शाह (54) पहली बार लोकसभा के लिए चुने गये हैं. वह अगस्त 2017 में संसद के उच्च सदन राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. उन्होंने अपना पहला लोकसभा चुनाव गांधीनगर से जीता है. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के सी जे चावड़ा को 5.57 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया.
राज्यसभा में उनके सहयोगी रविशंकर प्रसाद भी 2019 के लोकसभा चुनाव में विजयी बनकर उभरे हैं. प्रसाद पहली बार लोकसभा चुनाव में जीते हैं. प्रसाद ने पटना साहिब सीट पर निवर्तमान सांसद और पूर्व बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा को 2.84 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया. सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे.
ऐसा नहीं है कि केवल बीजेपी के राज्यसभा सदस्यों ने ही इस आम चुनाव में पहली बार जीत का स्वाद चखा. द्रमुक की 51 वर्षीय कनिमोई ने भी आम चुनाव में पहली विजयगाथा लिखी. उन्होंने तुठुक्कडी सीट से बीजेपी उम्मीदवार को 3.47 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया. हालांकि कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य बी के हरिप्रसाद बेंगलुरु दक्षिण सीट पर 3.31 लाख वोटों के अंतर से हार गये.
30 मई को शपथ-ग्रहण से पहले शाह ने की मोदी से मुलाकात
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और समझा जाता है कि दोनों नेताओं ने नई सरकार के गठन की बारीकियों पर चर्चा की. नई सरकार में मंत्रिपरिषद को गुरूवार को शपथ दिलाई जाएगी.बीजेपी में एक तबके का मानना है कि अभूतपूर्व बहुमत से सत्ता में पार्टी की वापसी कराने में अहम भूमिका निभाने के बाद शाह सरकार में मंत्री पद संभाल सकते हैं. हालांकि, शाह ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
मोदी और शाह की मुलाकात में किन मुद्दों पर बात हुई, इस बारे में आधिकारिक तौर पर तो कुछ नहीं कहा गया, लेकिन माना जाता है कि दोनों नेताओं ने दूसरी बार मोदी सरकार के गठन की बारीकियों पर चर्चा की होगी. इस बात पर भी चर्चा हुई होगी कि किन नेताओं को मंत्री बनाना है और किन्हें किस मंत्रालय का प्रभार सौंपना है.
सूत्रों ने बताया कि नई मंत्रिपरिषद में पश्चिम बंगाल एवं तेलंगाना जैसे राज्यों में बीजेपी के अच्छे प्रदर्शन की झलक मिल सकती है और इन राज्यों से चुने गए सांसदों को मंत्री पद दिया जा सकता है. कई नेताओं का मानना है कि पिछली सरकार के सबसे प्रमुख सदस्यों को मंत्री पद पर बरकरार रखा जा सकता है.
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