शिवसेना ने की बुर्का बैन की मांग, ओवैसी ने पूछा- क्या हिंदू महिलाओं के घूंघट पर भी रोक लगाओगे?

शिवसेना ने की बुर्का बैन की मांग, ओवैसी ने पूछा- क्या हिंदू महिलाओं के घूंघट पर भी रोक लगाओगे?नईदिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के प्रचार में जुटीं विपक्षी पार्टियों को सरकार की सहयोगी शिवसेना की एक मांग से बिन मांगें ही एक मुद्दे मिल गया है. शिवसेना ने मांग की है देश की सुरक्षा को देखते हुए यहां बुर्का बैन होना चाहिए. शिवसेना की इस मांग पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि महिलाएं कोई भी कपड़ा पहन सकती हैं, बुर्का क्यों नहीं? ओवैसी ने कहा कि शिवसेना ने आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा कि शिवसेना ने देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि देश की मुस्लिम महिलाओं की पसंद है बुर्का.

ओवैसी ने शिवसेना से पूछा, ‘क्या हिंदू महिलाओं के घूंघट पर भी रोक लगाओगे?’

बता दें कि शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के लेख में पीएम मोदी से अपील की है कि देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यहां भी श्रीलंका की तरप बुर्के पर बैन लगाया जाए. हालांकि बीजेपी ने शिवसेना की इस मांग से खुद को अलग कर लिया है और पार्टी का कहना है कि देश सुरक्षित हाथों में यहां ऐसी किसी भी प्रकार की पाबंदी की आवश्यकता नहीं है.

आठवले ने भी नहीं किया समर्थन
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले का कहना है कि ये मुस्लिम समाज की परंपरा है मुस्लिम महिलाएं बुर्का पहनती है. जो बुर्का पहना चाहती है उन्हें बुर्का पहने देना चाहिए ये उनके धर्म मे है शिवसेना ने शायद इसलिए मांग की है क्योंकि कुछ देशों में मुस्लिम महिलाएं आतंकवादी एक्टिविटी में भाग लेती है और बुर्का पहनकर आतंकवाद को बढ़ावा देती है. ऐसी महिलाओं को बुर्का से मुक्त करना समझ सकते हैं लेकिन भारत में कौन आतंकवादी है या नही है? सभी मुस्लिम महिलाओं का बुर्का निकलना चाहिए? शिवसेना की इस मांग से सहमत नहीं हूं और प्रधानमंत्री भी उनकी ये मांग स्वीकार नहीं करेंगे. 

उन्होंने कहा किमुझे लगता है ‘सामना’ में जो भूमिका रखी है वो उनका मत होगा, लेकिन इससे मैं सहमत नहीं हूं. ये सरकार के हाथ मे चाहे महाराष्ट्र सरकार हो या केंद्र सरकार ऐसा निर्णय नहीं ले सकती है.’

देश हित के लिए कुछ परंपराओं में ढील देना जरूरी हैः साध्वी प्रज्ञा
भोपाल लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने देश में बुर्के पर प्रतिबंध को लेकर कहा कि ‘मुझे लगता है देश सर्वोपरी होना चाहिए. अगर किसी कारण से आतंकवादी इसका लाभ उठाते हैं और देश को हानि  पहुंचती है, लोकतंत्र को हानि पहुंचती है तो हमें हमारी कुछ परंपराओं में ढील देनी होगा.

प्रज्ञा ने आगे कहा एयरपोर्ट पर जब जांच होती है तब तो कोई कुछ नहीं कहता. विदेशों में निर्वस्त्र कर जांच की जाती तब भी आप कुछ नही बोलते हैं. ऐसी जगह आप यह सब कर लेते है. चुनाव के समय देश के लिए यह निर्णय लेना चाहिए.’

एनसीपी ने ‘सामना’ विश्वसनीयता ही उठाए सवाल
एनसीपी नेता माजिद मेनन ने कहा कि शिवसेना एक राजनीतिक दल है जिसने चुनाव में भाग लिया है और एनडीए का एक हिस्सा है इतेफाक की बात यह है कि जैसे ही सामना की ये खबर सामने आई वैसे ही आरपीआई प्रमुख रामदास अठावले ने इसका विरोध किया और कहा ये गलत बात है ऐसा नही कर सकते है हमारा सिर्फ ये कहना है चुनाव आयोग से जब चुनाव की प्रक्रिया शुरू है 19 मई तक आखिरी पोलिंग होनी है उसके धर्म के ऊपर इस तरह के विवादित बयान नही आने चाहिए ये एक पोलराइजेशन की कोशिश है.

एनसीपी नेता ने कहा कि इससे हिन्दू मुस्लिम के बीच गलत पहमी पैदा करने की कोशिश की जा रही है. इस पर हम 19 मई के बाद चर्चा करेंगे की ये कहा तक सही है सामना एडीटोरियल की विश्वसनीयता जीरो हो चुकी है अमित शाह से गठबंधन के दो दिन पहले सामना में लिखा था चौकीदार चोर है हम चौकीदार नहीं सैनिक हैं, इसलिए उसे विश्वसनीयता नहीं देनी चाहिए और हम इसपर चर्चा नहीं करना चाहते. 

Bureau Report

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