US ने कहा, धमकी मत देना…जवाब मिला कई आक्रांता आए-गए, ईरान सदियों से वहीं खड़ा है

US ने कहा, धमकी मत देना...जवाब मिला कई आक्रांता आए-गए, ईरान सदियों से वहीं खड़ा हैवॉशिंगटन: अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ रहा है क्योंकि डोनाल्‍ड ट्रंप प्रशासन ने ईरानी ‘‘खतरे’’ को देखते हुए खाड़ी में एक विमानवाहक पोत और बी-52 बमवर्षक तैनात किए हैं. इस कड़ी में पिछले दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अमेरिका के साथ सैन्य संघर्ष ‘‘ईरान का आधिकारिक अंत होगा.’’

डोनाल्‍ड ट्रंप ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘यदि ईरान लड़ना चाहता है, तो यह ईरान का आधिकारिक अंत होगा. अमेरिका को फिर कभी धमकी मत देना.’’

दोनों देशों के बीच संभावित सैन्य संघर्ष की आशंका के बीच ट्रंप का यह सख्त ट्वीट आया है. ट्रंप प्रशासन के अधिकारी हाल में उन खुफिया सूचनाओं पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या ईरान अथवा उसका समर्थन प्राप्त आतंकी संगठन खाड़ी में अमेरिकी संपत्तियों पर संभावित हमले की योजना बना रहे हैं या फिर अमेरिकी कार्रवाई का मुकाबला करने के लिये वे रक्षात्मक कार्यवाही कर रहे हैं.

फॉक्स न्यूज प्रसारक को रविवार को दिये साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा कि वह ईरान को परमाणु हथियार विकसित नहीं करने देंगे लेकिन यह भी कहा कि वह संघर्ष नहीं चाहते. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो युद्ध चाहता हो, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचता है, जंग में लोग मारे जाते हैं.”

ईरान का जवाब
इस बीच ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के ‘‘नरसंहार के तानों’’ से ‘‘ईरान का अंत’’ नहीं होगा. जरीफ ने ट्वीट कर कहा, ‘‘कई आक्रमणकारी आए और गए लेकिन ईरान सदियों से वहीं खड़ा है. आर्थिक आतंकवाद और नरसंहार के तानों से ईरान खत्म नहीं होगा.’’

उन्होंने कहा, ‘‘किसी ईरानी को कभी धमकी मत देता. सम्मान देने की कोशिश करो–यह कारगर है.’’ ईरान और अमेरिका के बीच संबंध पिछले साल उस समय और खराब हो गए थे, जब ट्रंप प्रशासन 2015 के परमाणु समझौते से पीछे हट गया था और उसने ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए थे.

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