‘जल संकट’ को दूर करने में दिल्ली सरकार नाकाम, विधानसभा चुनाव में बन सकता है बड़ा मुद्दा

'जल संकट' को दूर करने में दिल्ली सरकार नाकाम, विधानसभा चुनाव में बन सकता है बड़ा मुद्दानईदिल्लीः  ऐसा कहा जाता है कि तीसरा विश्वयुद्ध अगर हुआ तो पानी के लिये ही होगा लेकिन देश की राजधानी दिल्ली की गलियों में आपको विश्वयुद्ध तो नहीं लेकिन पानी के लिये छोटी मोटी झड़पे होती ज़रूर दिख जाएगी. गर्मी के इस मौसम में दिल्ली के कई इलाके पानी के जबरदस्त संकट से जूझ रहे हैं. कई इलाके ऐसे हैं जहां पर लोग पानी के लिये अब सिर्फ टैंकरों पर ही निर्भर हैं, उस पर लोगों की शिकायत है कि टैंकर भी रोज़ाना नहीं आते हैं. दिल्ली में अब विधानसभा चुनाव ज्यादा दूर नहीं है ऐसे में पानी को लेकर राजनीति भी जम कर हो रही है, लेकिन जनता को राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है. 

देश की संसद से महज़ 8 किलोमीटर दूर बसे दिल्ली के बलजीत नगर में गर्मी के मौसम में पानी की खपत तो बढ़ जाती है लेकिन आपूर्ति उसके हिसाब से नहीं होती. इस इलाके में पानी के पाइप तो पड़े हैं लेकिन पाइप से पानी नहीं आता. पानी के लिये ये लोग दिल्ली जल बोर्ड के टैंकरों पर निर्भर हैं लेकिन लोगों की शिकायत है कि टैंकर भी रोज़ नही आते, कभी दो दिन कभी तीन दिन और कभी कभी तो हफ्ते में एक बार टैंकर की सूरत देखने को मिलती है ऐसे में जब टैंकर आता है तो पानी के लिये छीना झपटी मचना स्वाभाविक है. 

संगम विहार में अभी तक नहीं पहुंचा पानी
ये हाल एक इलाके का नहीं है.. संगम विहार, देवली, महिपालपुर, ओखला संजय कॉलोनी, छतरपुर, भाटी माइंस, नेब सराय, मैदानगढ़ी, नजफगढ़, डाबड़ी और नरेला समेत दिल्ली के कई इलाके गर्मी के इस मौसम में पानी की ज़बरदस्त किल्लत से जूझ रहे हैं.

दिल्ली में इस समय पानी की डिमांड करीब 1200 से 1300 एमजीडी है, जबकि जल बोर्ड 890 एमजीडी के करीब पानी सप्लाई कर रहा है. जल बोर्ड की पूरी क्षमता इन गर्मियों में 930 एमजीडी पानी सप्लाई करने की है लेकिन पानी की कमी की वजह से रोज़ाना करीब 890 एमजीडी पानी ही सप्लाई हो पा रहा है. उस पर दिल्ली की करीब 130 अनाधिकृत कॉलोनिय़ों में पानी की पाइपलाइन डलवाने का काम भी अभी अटक गया है दिल्ली सरकार के मुताबिक पाइपलाइन बिछाने के लिये लैंड ओनिंग एजेंसियों की तरफ से एनओसी मिलने में देरी हो रही है. दिल्ली में विधानसभा चुनावों में अब करीब 6 महीने का वक्त ही बाकी रह गया है ऐसे में पानी का ये संकट एक बड़ा चुनावी मुद्दा भी बनता जा रहा है.

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ‘बिजली हाफ और पानी माफ’ के वायदे के साथ आयी थी, ऐसे में आने वाले चुनाव को देखते हुये विपक्षी पार्टियों ने भी इसे मुद्दा बना लिया है. कॉंग्रेस और बीजेपी दोनों ही पानी की किल्लत को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली सरकार लगातार ये दावा कर रहे हैं कि दिल्ली में पानी की पूरी सप्लाई की जा रही है, लेकिन कई इलाकों में हकीकत इसकी उलटी है, लोगों का आरोप है कि लगातार शिकायतों के बाद भी हालात सुधर नहीं रहे हैं. 

Bureau Report

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