मालेगांव ब्‍लास्‍ट केस में 4 आरोपियों को बांबे हाईकोर्ट से जमानत, 2008 में हुए थे धमाके

मालेगांव ब्‍लास्‍ट केस में 4 आरोपियों को बांबे हाईकोर्ट से जमानत, 2008 में हुए थे धमाकेनईदिल्‍ली: महाराष्‍ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में 2008 में हुए बम धमाकों के मामले में आरोपी 4 लोगों को शुक्रवार को बांबे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी. हाईकोर्ट की ओर से मामले के आरोपियों धन सिंह, मनोहर नावरिया, राजेंद्र चौधरी और लोकेश शर्मा को जमानत दे दी. बात दें कि मालेगांव में 8 सितंबर 2008 में सीरियल ब्‍लास्‍ट हुए थे, इनमें 35 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. साथ ही करीब 100 लोग घायल हुए थे.  

बता दें कि इस मामले में भोपाल से बीजेपी सांसद साध्‍वी प्रज्ञा ठाकुर भी आरोपी हैं. वह आठ जून को विशेष एनआईए अदालत में पेश हुईं थीं. उन्होंने इस दौरान कहा था कि वर्ष 2008 के मालेगांव बम विस्फोट की उन्हें कोई जानकारी नहीं है. वह इस मामले की प्रमुख आरोपियों में से एक मानी जाती हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत के समक्ष पेश प्रज्ञा ने विशेष न्यायाधीश वी.एस. पदालकर से कहा था, “मुझे जानकारी नहीं है.” इस मामले के दूसरे आरोपी सुधाकर द्विवेदी ने भी विशेष अदालत के सामने प्रज्ञा जैसा ही बयान दिया.

एनआईए ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी अप्रैल, 2011 में महाराष्ट्र आतंकरोधी दस्ता (एटीएस) से अपने पास ले ली थी. आरोपपत्र में प्रज्ञा, पुरोहित और द्विवेदी के अलावा अन्य 14 लोगों के नाम हैं, जिनमें मेजर रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, राकेश धवाडे, प्रवीण तकालकी और सुधाकर चतुर्वेदी भी शामिल हैं. इस मामले में शिवनारायण कलसांग्रा, श्याम साहू, अजय राहिरकर और जगदीश म्हात्रे को जमानत मिल चुकी है, जबकि दो अन्य-संदीप डांगे और रामचंद्र कलसांग्रा अब तक फरार हैं.

Bureau Report
 

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