शामली: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में हुए आतंकी हमले में शहीद सत्येंद्र कुमार का शव शामली जनपद के गांव किवाना में पहुंचा, जहां पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. परिवार में घटना के बाद से कोहराम मचा हुआ है. शहीद का परिवार अपने बेटे की शहादत के बदले की मांग कर रहे हैं. शहीद सत्येंद्र कुमार के अंतिम संस्कार में बीजेपी मंत्री सुरेश राणा, सहित कई नेता और अन्य सामाजिक संगठन के साथ जिले के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे.
शहीद सत्येंद्र कुमार कश्यप कांधला थाना क्षेत्र के गांव किवाना का रहने वाला था और अपने परिवार में बड़ी जिम्मेदारी से परिवार का नेतृत्व कर रहा था. शहीद सत्येंद्र कुमार पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ा था. शहीद सत्येंद्र कुमार तीन भाई और दो बहने हैं. शहीद के परिवार में दो मासूम बच्चे, उनकी पत्नी और माता पिता है. जो गांव में खेती और दूध व्यापार का काम करते हैं. परिवार से अकेला सत्येंद्र ही था, जो नौकरी करता था.
शुक्रवार सुबह सत्येंद्र के परिवार आसपास के लोगों ने अंतिम दर्शन कर, अंतिम संस्कार किया. शहीद के घर पर मौजूद सभी लोगों की आंखे नम थी और पाकिस्तान के प्रति आक्रोश था. शहीद के चार साल के बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी.
परिवार का कहना कि सरकार को आतंकवाद के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाने चाहिए. वहीं वहां मौजूद बीजेपी नेता और मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि बीजेपी सरकार आतंकवाद से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. शहीद के परिवार के साथ प्रदेश और केंद्र की सरकार के साथ हमेशा खड़ी है. उन्होंने कहा कि रकार ने शहीद के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और एक सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है.
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