नईदिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया है. कोर्ट ने कहा कि ऐसे कॉमेंट पब्लिक में नहीं होने चाहिए लेकिन गिरफ्तार करने की कार्रवाई जस्टिफाई हो. सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार की तुरंत रिहाई की बात कही. कोर्ट ने कहा कि कानून के तहत कार्रवाई जारी रहे पर पत्रकार को तुरंत रिहा किया जाना जरूरी. सीएम योगी आदित्यनाथ पर आपत्तिजनक पोस्ट का मामला. कोर्ट ने कहा मामले में पत्रकार को तुरंत छोड़ा जाए.
बता दें कि कनौजिया की पत्नी जगीशा अरोड़ा ने अपने पति की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई थी, जिसमें कोर्ट के समक्ष अपने पति को पेश कराने की मांग की है.
गौरतलब है कि पत्रकार प्रशांत कन्नौजिया पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट साझा करने को लेकर मामला दर्ज किया गया था.
उत्तर प्रदेश के एक पुलिस अधिकारी ने मामले की जानकारी देते हुए कहा था कि प्रशांत कन्नौजिया को उत्तर प्रदेश पुलिस ने दिल्ली में उनके घर से गिरफ्तार कर लिया था. कन्नौजिया पर हजरतगंज थाने में एक सब इंस्पेक्टर ने एफआईआर दर्ज कराई थी. इस एफआईआर में सब इंस्पेक्टर ने आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है और उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की है.
प्रशांत ने 6 जून को अपने ट्विटर हैंडल पर ‘इश्क छुपता नहीं छुपाने से योगी जी’ पोस्ट की थी. साथ ही एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें एक युवती मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर खड़ी होकर खुद की योगी आदित्यनाथ की प्रेमिका बता रही थी. प्रशांत इससे पहले भी योगी आदित्यनाथ पर उनके जन्मदिन पर टिप्पणी कर चुका है. उधर प्रशांत की पत्नी जगीशा पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठा रही हैं.उन्होंने कहा था कि पुलिस ने जानबूझकर प्रशांत को गिरफ्तार किया है.
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