जामनगर: 1990 में पुलिस कस्टडी में एक व्यक्ति की मौत के मामले में करीब 30 साल बाद पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. जामनगर कोर्ट द्वारा गुरुवार को 30 साल पुराने इस मामले में आईपीएस संजीव भट्ट को उम्रकैद की सजा सुनाई है.
आपको बता दें, संजीव भट्ट, गुजरात के जामनगर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ थे, उस दौरान एक व्यक्ति की हिरासत में मौत हो गई थी. अभियोजन पक्ष के मुताबिक संजीव भट्ट ने वहां एक सांप्रदायिक दंगे के दौरान 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया था और इनमें से एक व्यक्ति को रिहा किए जाने के बाद उसकी अस्पताल में मृत्यु हो गई थी.
2015 में ड्यूटी से किया गया था बर्खास्त
आपको बता दें, संजीव भट्ट को 2011 में बिना अनुमति के ड्यूटी से नदारद रहने और सरकारी गाड़ियों का गलत प्रयोग करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. जिसके बाद उन्हें अगस्त 2015 में बर्खास्त कर दिया गया था. यहां आपको यह भी बता दें कि इस मामले से पहले वह 1998 के मादक पदार्थ से जुड़े एक मामले में भी गिरफ्तार हुए थे. उस वक्त संजीव भट्ट को पालनपुर में मादक पदार्थों की खेती के एक मामले में 6 लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था. 1998 में वह बनासंकाठा के डीसीपी थे.
Bureau Report
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