नईदिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मोईन कुरैशी मामले में गवाह रहे और राकेश अस्थाना पर 5 करोड़ रुपये रिश्वत मांगने के आरोप लगाने वाले सना सतीश बाबू को गिरफ्तार कर लिया है. सना सतीश बाबू हैदराबाद का बिजनेसमैन है और इसी की शिकायत पर पिछले साल अक्टूबर में CBI ने अपने ही स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था.
सना सतीश बाबू पर आरोप है कि उसने 50 लाख रुपये मोईन कुरैशी को उसकी कंपनी के शेयर खरीदने के नाम पर दिये थे, लेकिन वह शेयर कभी सना सतीश ने लिये नहीं, जांच एंजेसी को शक है कि ये पैसे सना सतीश बाबू ने मोईन कुरैशी को CBI में चल रहे कुछ मामलों को मैनेज करने के लिये दिये थे.
दरअसल, मोईन कुरैशी CBI डायरेक्टर रहे AP Singh के काफी करीबी रहा है और एक तरह से मिडलमैन के तौर पर काम रहा था. मोईन कुरैशी CBI की जांच में फंसे आरोपियों को मदद दिलाने के नाम पर पैसे लेता था.
राकेश अस्थाना जो कि इस मामले की जांच कर रहे थे, सना सतीश को गिरफ्तार करना चाहते थे, लेकिन उन्होने आरोप लगाया था कि सना सतीश बाबू ने CBI डायरेक्टर आलोक कुमार वर्मा को 2 करोड़ रुपये दिये है और इसी वजह से आलोक कुमार वर्मा सना सतीश बाबू को पुछताछ और गिरफ्तारी से बचा रहे है. उसी दौरान ED के तत्कालीन डायरेक्टर कर्नल सिंह का भी कहना था कि सना सतीश बाबू मोईन कुरैशी मामले में गवाह है.
इस पूरे मामले में नया मोड़ तब आया जब CBI ने सना सतीश बाबू के कहने पर अपने ही स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना और दुबई में RA&W के लिये काम करने वाले मनोज और सोमेश प्रसाद और CBI में DSP और मामले की जांच कर रहे देवेंद्र के खिलाफ सना को केस से निकालने के लिये 5 करोड़ की रिश्वत मांगने का मामला दर्ज कर लिया और देवेंद्र और मनोज प्रसाद को गिरफ्तार भी किया.
इसी मामले के बाद CBI vs CBI लड़ाई शुरू हो गई थी और डायरेक्टर आलोक कुमार वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया गया था और राकेश अस्थाना का तबादला कर दिया गया था.
इससे पहले खुद CBI और ED ने मोईन कुरैशी और CBI के पूर्व डायरेक्टर AP Singh के खिलाफ 2017 में मामला दर्ज किया था और मोइन कुरैशी को गिरफ्तार भी किया था.
अब देखना होगा कि सना सतीश बाबू जो कि एक समय दोनों एंजेसी के लिये गवाह था, अब उसकी गिरफ्तारी के बाद क्या क्या नये राज़ सामने आते है.
Bureau Report
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