नईदिल्ली: अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में 16वें दिन की सुनवाई में शुक्रवार को हिन्दू पक्षों की बहस पूरी होने की उम्मीद है. रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति की ओर से वरिष्ठ वकील पीएन मिश्रा ने अपनी बहस शुरू करते हुए नमाज पढ़ने के तरीक़ों के बारे में बताया. वकील पीएन मिश्रा ने हदीस का हवाला देते हुए कहा कि इसमें लिखा है कि पैगम्बर मोहम्मद ने कहा है कि घंटी बजा कर नमाज नही पढ़ी जा सकती क्योंकि यह शैतान का इंस्ट्रूमेंट है. घंटी बजाने से फरिश्ते उस घर या जगह पर नहीं आते हैं. इसी तरह बिना घंटी बजाए मंदिर में पूजा नहीं की जा सकती है.
पीएन मिश्रा ने बताया कि इब्न-ए-बतूता ने अपनी भारत यात्रा पर कहा कि वह यह देख कर हैरान रह गया कि सभी मस्जिदों में घंटी बजाई जा रही थी, घंटी बजा कर पूजा की जा रही थी. उन्होंने हदीस के सहीह अल बुखारी का हवाला देते हुए कहा कि पैगम्बर मोहम्मद ने कहा है कि हिन्दू और मुस्लिमों के दो अलग-अलग कबीले एक साथ एक ही जमीन पर नहीं रह सकते.
15वें दिन की सुनवाई में क्या हुआ?
इससे पहले गुरुवार को जस्टिस बोबडे ने पीएन मिश्रा से तीन बिंदु स्पष्ट करने को कहा था कि वहां पर एक ढांचा (स्ट्रक्चर) था इस बारे में कोई विवाद नहीं है? पर क्या वह स्ट्रक्चर मस्जिद है या नहीं, बहस यह है. वह ढांचा किसको समर्पित था? इसका जवाब देते हुए पीएन मिश्रा ने कहा था कि 1648 में शाहजहां का शासन था और औरंगजेब गुजरात का शासक था. इस पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने आपत्ति जताई थी. राजीव धवन ने कहा था कि अब तक 24 बार मिश्रा संदर्भ से बाहर जाकर किस्से कहानियां सुना चुके है.
इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था कि ये अपने तथ्यों को रख रहे हैं, लेकिन उन्होंने मिश्रा से भी कहा था कि सिर्फ संदर्भ बताएं. पीएन मिश्रा ने कहा था कि सिर्फ कोर्ट मुझे गाइड कर सकता है मेरे साथी वकील नहीं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि आप स्वतंत्र हैं, अपने तथ्य रखने को, आप आपका पक्ष रखें.
पीएन मिश्रा मस्जिद ने दलील रखते हुए बताया कि कि इस्लाम में मस्जिद बनाने के क्या कानून हैं. एक मस्जिद उसी जगह पर बनी जा सकती है जब उसका मालिक मस्जिद बनने की इजाज़त दे, वक़्फ़ को दी गई जमीन मालिक की होनी चहिए. उन्होंने कहा कि कुरान में यह नहीं बताया गया कि इस तरह की ज़मीन पर मस्जिद बनाई जा सकती है. इस्लाम के अनुसार दूसरे के पूजास्थल को गिरा कर या ध्वस्त करके उस स्थान पर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती.
उन्होंने कहा कि ऐसी ज़मीन जिस पर दो लोगों का कब्ज़ा हो और एक मस्जिद बनाने का विरोध करे तो उस जमीन पर भी मस्जिद नहीं बनाई जा सकती. किसी दूसरे धर्मस्थल को गिरा कर उसका सामान इस्तेमाल करके मस्जिद बनना सही नहीं है. मस्जिद अल्लाह की इबादत के लिए बनाई जाती है. मिश्रा ने कहा कि विवादित ढांचे को जुमे की नमाज के लिए 2-3 घंटे के किये ही खोला जाता था.
जस्टिस बोबडे ने पूछा कि क्या कोई राजा राज्य की संपत्ति से वक्फ बना सकता है या उसे पहले यह खरीदनी होगी? इस पर वकील मिश्रा ने तारीख-ए-फिरोज शाही का हवाला देते हुए कहा कि विजित संपत्ति से विजेता एक पारिश्रमिक के रूप में 1/10 का मालिक है और अपने पारिश्रमिक में से वह एक वक्फ बना सकता है.
Bureau Report
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