गुवाहाटी: असम सरकार राज्य में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची से निकाले गए लोगों से संबंधित मामले देखने के लिए 400 फॉरनर्स ट्रिब्यूनल्स स्थापित करेगी. अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह राजनीति) कुमार संजय कृष्णा ने कहा कि ऐसे 200 ट्रिब्यूनल्स स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है तथा सूची से निकाले गए लोगों के हितों के लिए ऐसे 200 और ट्रिब्यूनल्स जल्द स्थापित किए जाएंगे. फॉरनर्स ट्रिब्यूनल अर्ध न्यायिक कोर्ट होते हैं, जो एनआरसी सूची से निकाले गए लोगों की अपील सुनते हैं.
कृष्णा ने कहा, “ये ट्रिब्यूनल याचिका दायर करने और सुनवाई को बिना किसी व्यवधान के सुनिश्चित करने के लिए सुविधाजनक स्थानों पर स्थापित किए जाएंगे.” उन्होंने कहा, “एनआरसी की अंतिम सूची से निकाले गए लोगों को तब तक हिरासत में नहीं लिया जा सकता, जब तक फॉरनर्स ट्रिब्यूनल अपना फैसला नहीं सुना देते. ये लोग पहले फॉरनर्स ट्रिब्यूनल (एफटी) जा सकते हैं, और एफटी के आदेश से संतुष्ट नहीं होने पर उच्च अदालत में याचिका दायर कर सकते हैं.”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी एनआरसी सूची से निकाले गए लोगों को जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के माध्यम से कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए सभी जरूरी बंदोबस्त करेगी.
दरअसल, असम की राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची शनिवार को जारी कर दी गई, जिसमें से लगभग 19 लाख लोगों के निकाल दिया गया. अंतिम सूची से 19,06,677 लोग निकाले गए हैं. सूची में 3,11,21,004 लोगों को भारतीय नागरिक बताया गया है.
Bureau Report