नईदिल्ली: ग्राहकों के लाख सावधानी बरतने और बैंकों की तरफ से बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद भी एटीएम से धोखाधड़ी की घटनाएं दिन पर दिन बढ़ रही हैं. बढ़ी एटीएम धोखाधड़ी पर पिछले दिनों अदालत ने भी बैंकों को फटकार लगाई थी. एटीएम धोखाधड़ी को रोकने के लिए दिल्ली स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (SLBC) ने कुछ उपाय सुझाए हैं. कमेटी को उम्मीद है कि यदि एसएसबीसी की तरफ से दिए गए सुझाव मानें गए तो एटीएम धोखाधड़ी के मामलों में कमी आ सकती है. कमेटी ने सुझाव दिया है कि दो एटीएम ट्रांजेक्शन के बीच में 6 से 12 घंटे का समय रखना चाहिए.
अधिकतर धोखाधड़ी रात के समय
अगर यह सुझाव मान लिया गया तो आपके सुबह 10 बजे खाते से 20 हजार रुपये निकालने के बाद आप अगला ट्रांजेक्शन कम से कम 6 घंटे बाद यानी दोपहर दो बजे ही कर पाएंगे. कमेटी ने माना कि एटीएम से होने वाली अधिकतर धोखाधड़ी रात के समय होती हैं. इनमें भी अधिकतर मामले आधी रात के बाद से सुबह तड़के तक के सामने आए हैं. ऐसे में धोखाधड़ी को रोकने के लिए पिछले हफ्ते 18 बैंकों के प्रतिनिधियों की बैठक में चर्चा हुई.
देश में कुल 980 एटीएम धोखाधड़ी के मामले दर्ज
मीटिंग में पेश किए गए डाटा से दिन पर दिन बढ़ते एटीएम फ्रॉड की घटनाओं के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है. साल 2018-19 में दिल्ली में 179 एटीएम फ्रॉड के मामले सामने आए. जबकि देशभर में कुल 980 एटीएम धोखाधड़ी के मामले रजिर्स्ड किए गए. इनमें ज्यादातर मामले एटीएम फ्रॉड और एटीएम कार्ड की क्लोनिंग से जुड़े थे. इससे पहले साल 2017-18 में एटीएम धोखाधड़ी के कुल 911 मामले सामने आए.
केनरा बैंक ने जरूरी किया ओटीपी
बैंक प्रतिनिधियों की बैठक में बैंकर्स की तरफ से यह भी सुझाव दिया गया कि गलत तरीके से पैसे निकालने की कोशिश पर खाताधारक को अलर्ट करने के लिए ओटीपी भेजा जाए. यह सिस्टम क्रेडिट या डेबिट कार्ड द्वारा किए जाने वाले ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की ही तरह होगा. बैंकर्स ने एटीएम के लिए सेंट्रलाइज्ड मॉनीटरिंग सिस्टम के लिए भी कहा. दूसरी तरफ ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए केनरा बैंक ने 10 हजार या इससे ज्यादा रकम एटीएम से निकालने के लिए ओटीपी जरूरी कर दिया है.
Bureau Report
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