नईदिल्ली: यौन शौषण मामले में घिरे पत्रकार तरुण तेजपाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने तेजपाल की उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने निचली कोर्ट में तय हुए बलात्कार के आरोप खारिज करने की मांग की थी. कोर्ट ने साफ किया है कि उनके ऊपर यौन शोषण का केस चलता रहेगा. कोर्ट ने निचली अदालत को 6 महीने में ट्रायल पूरा करने को कहा है.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.पिछली सुनवाई में ही सुप्रीम कोर्ट ने तेजपाल के वकील पूछा था कि अगर उनके खिलाफ यौन शौषण का आरोप झूठा है, तो उन्होंने सहकर्मी से माफी क्यों मांगी? वकील ने कहा था कि तेजपाल पर लगे आरोप में कोई सच्चाई नहीं है.
इस पर कोर्ट ने पूछा था कि यदि आरोप झूठे थे, तो उन्होंने उस घटना के बाद पत्र लिखकर अपने सहकर्मी से माफी क्यों मांगी थी. कुछ नहीं हुआ तो माफी नहीं मांगनी चाहिए थी. कुछ तो हुआ होगा. तेजपाल के वकील विकास सिंह ने कहा था कि सीसीटीवी फुटेज के अनुसार शिकायतकर्ता ने तेजपाल का पीछा किया था. उन्होंने कहा था कि पुलिस कुछ व्हाट्सएप मैसेज छिपा रही है, जिससे साबित हो जाएगा कि आरोप गलत है.
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने तेजपाल पर कई सवाल भी उठाए थे और कहा था कि जिस तरह के आरोप लगे हैं, उन्हें देखने के बाद धरती पर कोई भी उन्हें आरोपमुक्त नहीं कर सकता है. इससे पहले, 6 दिसंबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने गोवा की निचली अदालत को मामले में ट्रायल जारी रखने के आदेश दिए थे.
गौरतलब है कि गोवा की अदालत ने 29 सितंबर 2017 को पूर्व महिला सहयोगी के यौन उत्पीड़न और रेप के आरोपी तहलका के संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ आरोप तय किए थे. कोर्ट ने कहा था कि तेजपाल पर रेप का मामला भी चलेगा. तेजपाल ने अपना अपराध स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. इस मामले में तेजपाल के वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा बेंच में मापसा कोर्ट की कार्रवाई को रोकने के लिए अर्जी दी थी। मगर हाईकोर्ट ने उस अर्जी को खारिज करते हुए मापसा कोर्ट को तेजपाल पर आरोप तय करने के आदेश दिए थे. हालांकि हाईकोर्ट ने मापसा अदालत को इस केस से संबंधित गवाहों की जांच करने से रोक दिया था.
इसके पहले 16 जून 2017 को हुई सुनवाई से पहले कोर्ट ने पूरे मामले की कोर्ट प्रक्रिया के मीडिया में छपने पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने CrPC की धारा 327(3) के तहत मामले की मीडिया कवरेज पर रोक लगाई थी. तेजपाल पर लगाए गए आरोप और उनके खिलाफ मामला मापसा की जिला व सत्र न्यायालय आरोपों को रद्द करने की मांग वाली याचिका पहले ही खारिज कर चुकी हैं. अदालत ने कहा था कि तेजपाल के खिलाफ आइपीसी की धारा 341 (दोषपूर्ण अवरोध), 342 (दोषपूर्ण परिरोध), 354 ए और बी (महिला पर यौन प्रवृत्ति की टिप्पणियां और उस पर आपराधिक बल का प्रयोग करना) तथा 376 (रेप) के k और f सब सेक्शन के तहत आरोप तय किए हैं.
गौरतलब है कि तेजपाल की एक जूनियर सहयोगी ने उन पर वर्ष 2013 में एक कार्यक्रम के दौरान गोवा के एक पांच सितारा होटल की एक लिफ्ट के अंदर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. तेजपाल फिलहाल जमानत पर हैं.
Bureau Report
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