नईदिल्ली: कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद यहां कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन का दुनिया के सामने राग अलापते फिर रहे पाकिस्तान और उसका साथ दे रहे चीन का असल चेहरा संयुक्त राष्ट्र में सामने आ गया. यूएन में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर हुई विशेष बैठक में अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने चीन और पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों और उनके मानवाधिकार के उल्लंघन का मुद्दा खास तौर पर उठाया और दुनियार के सामने उन्हें इस मुद्दे पर बेनकाब किया.
इस बैठक में अमेरिका ने वैश्विक समुदाय को संबोधित करते हुए खास तौर पर चीन और पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई. अमेरिका के प्रतिनिधि सैम ब्राउनबैक ने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक या तो बहुतसंख्यक समुदाय के असामाजिक तत्वों के हाथों पीड़ित होते हैं या भेदभावपूर्ण कानूनों के माध्यम से.
वहीं, चीन के लिए उन्होंने कहा कि हम चीन में सरकार द्वारा धार्मिक स्वतंत्रता पर व्यापक और अनुचित प्रतिबंधों को बढ़ाए जाने के बारे में गहराई से चिंतित हैं. हम चीनी सरकार से सभी के मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान करने का आग्रह करते हैं.
वहीं, ब्रिटेन के प्रतिनिधि लॉर्ड अहमद ने कहा कि ब्रिटेन ने दुनिया भर में धार्मिक समुदायों से अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए बात की है. विशेष तौर पर चीन में उइगर से और पाक में ईसाई अहमदीयों से.
Bureau Report
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