श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला (Omar abdullah) ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal malik) से मुलाकात के बाद शनिवार को कहा कि राज्य के हालात को लेकर उन्हें कोई भी स्पष्ट जवाब नहीं मिला. उमर ने कहा कि जब उन्होंने राज्यपाल से अमरनाथ यात्रा बीच में रोके जाने की बात राज्यपाल से पूछा तो उन्होंने सुरक्षा का हवाल दिया. पूर्व मुख्यमंत्री उमर ने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने ऐसे कोई संकेत नहीं दिए की जम्मू कश्मीर में हालात बिगड़े हुए हैं.
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 35ए को बनाए रखने के लिए वह हर संभव कोशिश करेंगे. साथ ही उमर ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोमवार को संसद में जम्मू कश्मीर के वर्तमान हालात पर जवाब देना चाहिए.
जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाए जाने के सवाल पर उमर ने बताया कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal malik) ने आश्वासन दिया है कि यह सबकुछ राज्य में चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने जम्मू कश्मीर की जनता से जो वादे किए हैं, उन्हें उसपर कायम रहना चाहिए.
उमर ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस अपनी कोशिश में कोई कमी नहीं आने देगी. 35ए के मसले पर हमने कोर्ट में अपनी बात रखने की तैयारी की है. पीएम मोदी ने कहा है की यहां पर चुनाव चाहते हैं और कोई खराबी नहीं चाहते हैं. माहौल में और हमारी मीटिंग के 24 घंटे के बाद ये ऑर्डर जारी हुआ, तभी हमने कहा कि हम संसद में सुनना चाहते है की क्या इरादा है.
राज्यपाल से महबूबा भी कर चुकी हैं मुलाकात
इससे पहले शुक्रवार को पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal malik) से मुलाकात की थी. उन्होंने राज्यपाल से कहा कि जम्मू कश्मीर में हालात बिगड़ रहे हैं. इसपर राज्यपाल ने उन्हें दो टूक अंदाज में कहा कि वे भ्रम ना फैलाएं. अमरनाथ यात्रा सुरक्षा कारणों के चलते रोकी गई है. साथ उन्होंने महबूबा को नसीहत दी थी कि वे अपनी पार्टी के नेताओं से कह दें कि वे राज्य की जनता के बीच अफवाह ना फैलाएं.
सुरक्षा बल बढ़ाए जानें और अमरनाथ यात्रा रोके जाने से बढ़ी हलचल
यहां आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा (Amarnath yatra 2019) को लेकर इंटेलीजेंस इनपुट के हवाले से आतंकवादी खतरे की बात कहते हुए जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने शुक्रवार को एक एडवाइजरी जारी की. इसमें तीर्थयात्रियों को घाटी से जल्द से जल्द लौटने की सलाह दी गई है. इस एडवाइजरी के बाद शनिवार को भारी संख्या में तीर्थयात्री यात्रा बीच में ही रोककर अपने-अपने घरों को लौट रहे हैं.
जम्मू एवं कश्मीर के गृह विभाग ने यह एडवाइजरी जारी की है. इसके अलावा हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के जम्मू कश्मीर के दौरे से लौटते ही यहां सुरक्षा बलों की 100 अतिरिक्त कंपनी तैनात कर दी गई है. केंद्र सरकार के इन दो फैसलों के बाद जम्मू कश्मीर के स्थानीय नेताओं ने तरह-तरह की अफवाहें फैलाना शुरू कर दिया है.
यात्रा को लेकर शीर्ष सुरक्षा प्रतिष्ठान ने कहा कि इस तरह के इनपुट है कि यात्रा को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाया जा सकता है.
एडवाइजरी में कहा गया, ‘आतंकवादी धमकी के नवीनतम इंटेलीजेंस इनपुट खास तौर से अमरनाथ यात्रा (Amarnath yatra 2019) को निशाना बनाए जाने व कश्मीर घाटी के सुरक्षा हालात को ध्यान में रखते हुए अमरनाथ यात्रियों व पर्यटकों की सुरक्षा के हित में यह सुझाव दिया जाता है कि तीर्थयात्री घाटी से जल्द से जल्द लौटें.’ अमरनाथ यात्रा (Amarnath yatra 2019) एक जुलाई से शुरू हुई और यह 15 अगस्त को समाप्त होनी है.
इंटेलीजेंस इनपुट के मद्देनजर कश्मीर में पहले हजारों की संख्या में अर्धसैनिक बल पहुंच चुके हैं. इंटेलीजेंस इनपुट में यात्रा को आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाने की बात कही गई है. इससे पहले दिन में सेना ने कहा कि इस तरह के इंटेलीजेंस इनपुट है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी यात्रियों को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं.
Bureau Report
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