कुआलालांपुर: भारत में कथित आतंकी गतिविधियों और धनशोधन में वांछित विवादित मुस्लिम धर्म उपदेशक जाकिर नाइक द्वारा मलेशिया में रह रहे हिंदुओं को लेकर दिए गए बयान पर वहां के मंत्री ने करारा जवाब दिया है. मलेशियाई सरकार में मानव संसाधन मंत्री एम कुलासेगरन ने कहा है मलेशियाई हिंदुओं पर सवाल उठाने वाले जाकिर नाइक पर तुरंत एक्शन लिया जाए. दरअसल जाकिर नाइक ने कहा था कि मलेशिया में रहने वाले हिंदू मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से ज्यादा नरेंद्र मोदी के वफादार हैं.
कुलसेरगन ने बुधवार को जारी किए अपने एक बयान में कहा, ‘जाकिर नाइक एक बाहरी व्यक्ति है, जो एक भगोड़ा है और उसे मलेशियाई इतिहास की बहुत कम जानकारी है, इसलिए, उसे मलेशियाई लोगों को नीचा दिखाने जैसा विशेषाधिकार नहीं दिया जाना चाहिए. इससे ज्यादा उनकी देश के प्रति वफादारी पर क्या सवाल है किया जा सकता है.’
उन्होंने कहा ‘जाकिर नाईक का यह बयान किसी भी तरह से मलेशिया के स्थायी निवासी होने के पैमाने पर खरा नहीं उतरता है. इसे अगली कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे को उठाया जाएगा.’
कुलसेरगन ने अपने बयान में कहा, ‘इसलिए, अब समय आ गया है कि मलेशियाई लोग अपने सहिष्णु और सामंजस्यपूर्ण देश में धार्मिक और नस्लीय भावनाओं का उपयोग करने वाली ज़ाकिर नाईक की रणनीति को उजागर करके राष्ट्र की शांति और स्थिरता को एकजुट और सुरक्षित करें.’
उन्होंने कहा कि इस भगोड़े विदेशी के मलेशिया छोड़ने का समय आ गया है, अब यह भारत जाकर आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करे.
बता दें कि जुलाई महीने में जाकिर नाइक ने मलेशिया से वापस नहीं भेजे जाने के लिए मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद का शुक्रिया अदा किया था. मलेशिया के अखबारों में बयान छपवाकर धन्यवाद देते हुए जाकिर नाइक ने देश का कोई कानून नहीं तोड़ने का वादा भी किया था. इससे पहले भारत ने औपचारिक तौर पर मलेशिया से जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का आग्रह किया था. अपने भड़काऊ भाषणों से युवाओं को आतंकी गतिविधियों के लिए प्रेरित करने का आरोप लगने के बाद जाकिर 2016 में देश से फरार हो गया था.
‘मलेशिया के सांप्रदायिक सौहार्द पर मेरा विश्वास मजबूत हुआ’
मलेशियाई अखबारों में छपे बयान में नाइक ने कहा है ‘मेरे मामले को ‘निष्पक्ष’ तौर पर लेने के लिए आपका धन्यवाद प्रधानमंत्री महातिर’. महातिर के निर्णय से मलेशिया के न्याय और सांप्रदायिक सौहार्द पर मेरा विश्वास और दृढ हुआ है.’
कट्टरपंथी मुस्लिम धर्म प्रचारक जाकिर नाइक ने जुलाई के पहले सप्ताह में मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर से मुलाकात की थी. इसके बाद महातिर ने साफ किया था कि उनकी सरकार नाइक के प्रत्यर्पण की भारत की मांग पर आसानी से अमल नहीं करेगी. नाइक को तब तक वापस भारत नहीं भेजा जाएगा जब तक वह उनके देश में परेशानी पैदा नहीं करता.
भारत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) नाइक के खिलाफ आतंकी गतिविधियों और धनशोधन के आरोपों की जांच कर रही है. एनआईए ने नाइक के खिलाफ आतंकरोधी कानून के तहत 2016 में पहला मामला दर्ज किया था. नाइक के खिलाफ बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 2016 में हुए आतंकी हमले को लेकर भी जांच की जा रही है. आरोप है कि नाइक के भड़काऊ भाषणों से ही हमलावर प्रेरित हुआ था.
Bureau Report
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