मुरादाबाद में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बना यह परिवार, कावंड़ियों के लिए सालों से बना रहा है कांवड़

मुरादाबाद में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बना यह परिवार, कावंड़ियों के लिए सालों से बना रहा है कांवड़मुरादाबादः उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद के रहने वाले इरशाद और नाजिम उन लोगों के मुंह पर तमाचा हैं, जो हिन्दू और मुसलमान को बांटने में लगे रहते हैं. मुरादाबाद जनपद में सावन के आखिरी सोमवार पर लाखों की संख्या में शिव भक्त जिन कांवड़ों में जल भरकर लाते हैं, वह पिछले 20 सालों से इरशाद बना रहे हैं. इन कांवड़ों को लेकर कांवड़िए यात्रा पर निकलते हैं और भगवान शिव का अभिषेक करते हैं. इरशाद का कहना है कि उन्होंने अब तक लाखों कांवड़ बनाईं हैं और कांवड़िये बिना किसी हिचकिचाहट के इन्हें खरीदते हैं.

इरशाद ने बताया कि सिर्फ मुरादाबाद ही नहीं बल्कि वह हरिद्वार जाकर भी कांवड़ बनाते हैं. इरशाद ने बताया कि ये उनका खानदानी काम है, परिवार की महिलाएं तक कांवड़ बनाती हैं. उन्हें कभी नहीं लगता है कि वो मुस्लिम हैं और न ही ऐसी कोई बात सामने आई है. वह तो इस पावन सावन के महीने का बेसब्री से इंतजार करतें हैं. इरशाद का कहना है कि सावन के दौरान उनकी अच्छी खासी कमाई होती है, जिससे सालभर उनका और उनके परिवार का खर्चा चलता है.

मुरादाबाद के कोर्ट रोड मार्केट में इरशाद की कांवड़ की दुकान है, जहां इरशाद अपने सहयोगी नाजिम के साथ सुन्दर मनमोहक कांवड़ बनाने में माहिर हैं. नाजिम का भी कहना है कि उसे अभी एक साल ही हुआ है, इरशाद से ही कांवड़ बनाना सीखा है और लगभग एक लाख कांवड़ बनाकर बेच चुके हैं. इरशाद और नाजिम ऑर्डर पर थोक में भी कांवड़ बनाकर अन्य शहरों में भी सप्लाई करते हैं, उसके मन में भी कभी नहीं अता कि वो मुस्लिम हैं और कांवड़ बनाते हैं.

वहीं इरशाद की बनी मनमोहक कांवड़ इतनी मशहूर है कि ग्राहक भी खुद ब खुद इरशाद की दुकान पर पहुंच जाते हैं. एक युवती भी अपने भाई के लिए कांवड़ लेने आई थी, उसका भी कहना था कि उन्हें नहीं पता कि ये कौन हैं अगर मुस्लिम हैं तो क्या हुआ ये तो अच्छा है और श्रद्धा की बात है.

Bureau Report

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