रेलवे स्टेशन से सीधे बॉलीवुड पहुंचीं रानू मंडल, हिमेश रेशमिया के साथ रिकॉर्ड किया गाना

रेलवे स्टेशन से सीधे बॉलीवुड पहुंचीं रानू मंडल, हिमेश रेशमिया के साथ रिकॉर्ड किया गानानईदिल्ली: इंटरनेट उन लोगों के लिए वरदान के रूप में सामने आया है, जिनको अपना टैलेंट दिखाने के लिए कोई प्लेटफॉर्म नहीं मिल रहा था. ऐसे में इंटरनेट उनके लिए सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म बनकर सामने आया. जी हां, आए दिन इंटरनेट पर हमें ऐसे कई टैलेंट देखने को मिल ही जाते हैं, जो अब तक सीक्रेट थे. इसी क्रम में अब पश्चिम बंगाल के नदिया झिले की रहने वालीं  55 साल की रानू मारिया मंडल का नाम भी जुड़ गया है. बता दें, सोशल मीडिया स्टार बन चुकीं रानू जो कभी कोलकाता रेलवे स्टेशन पर लता मंगेशकर की आवाज में गाती थीं, आज वह इतनी पॉपुलर हो चुकी हैं कि बॉलीवुड के मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर हिमेश रेशमिया ने भी उन्हें अपने साथ एक गाने में लिया है और जल्द ही दोनों की आवाज हमें एक गाने में सुनने मिलने वाली हैं. 

हिमेश ने शेयर किया वीडियो
मतलब साफ है कि रानू मारिया मंडल की अब बॉलीवुड में एंट्री हो चुकी है. इस बात की जानकारी हमें हिमेश रेशमिया के इंस्टाग्राम अकाउंट से मिली. हिमेश रेशमिया ने गुरुवार को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें रानू हिमेश के साथ स्टूडियो में एक गाना रिकॉर्ड करती नजर आईं. दरअसल, कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर रानू का एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में वह लता मंगेशकर का गाना ‘एक प्यार का नगमा है…’ स्टेशन पर गाती हुई नजर आ रही है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर इतना वायरल हुआ कि लोगों ने रानू के लिए कैंपेन चलाना शुरू कर दिया. बता दें कि रानू अपना गुज़रबसर के लिए कभी हाटबाजार में तो कभी नदिया जिले के रानाघाट प्लेटफार्म पर गाना गाती आ रही थीं. 

बताया जा रहा है कि इसी दौरान किसी व्यक्ति ने रानू का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. देखते ही देखते यह वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा. नदिया जिले की रानू मारिया मंडल रातोंरात सोशल मीडिया सेलिब्रिटी बन गईं. रानू ने बताया कि घर खर्च चलाने के लिए वह स्टेशन पर गाना गाकर कुछ पैसे कमा लेती हैं. उन्होंने बताया कि उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं, लेकिन कोई भी मेरी खबर नहीं लेता. रानू के पति की मौत काफी साल पहले ही हो चुकी है. वर्तमान में वह अपनी मौसी के घर पर रहती हैं क्योंकि रानू के अलावा उनका और कोई नहीं है. इलाके में रहने वाले लोग इनके खाने-पीने की व्यवस्था कर देते हैं. 

Bureau Report

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