नईदिल्ली: जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने और लेह-लद्दाख के केन्द्र शासित राज्य बनने के बाद अब धीरे-धीरे सरकार की तरफ से घाटी में लगाई गई पाबंदियों को हटाना शुरू हो गया है. जम्मू के कुछ क्षेत्रों में मोबाइल सेवा बहाल हो रही है. अनुच्छेद 370 हटने के बाद देश के केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को लद्दाख पहुंचे. राजनाथ सिंह ने वहां किसान-जवान विज्ञान मेले का उद्घाटन किया. उद्घाटन समारोह में काफी संख्या में स्थानीय लोगों से साथ ही जवान भी मौजूद रहे. राजनाथ सिंह ने इस दौरान किसानों, जवानों और विज्ञान के क्षेत्र में सराहनीय काम करने वाले लोगों को संबोधित किया. अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा, “मैं पाकिस्तान से पूछना चाहता हूं, कश्मीर कब पाकिस्तान का था कि उसको लेकर रोते रहते हो? पाकिस्तान बन गया तो हम आपके वजूद का सम्मान करते हैं. इस मामले में पाकिस्तान की कोई जगह नहीं है.”
कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी सियाचिन यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा, “मैंने मंत्रालय संभालने के बाद सियाचिन के हालात देखने की पहले इच्छा जाहिर की. उनका ये काम देखकर मेरा हौंसला बुलंद हुआ है. कठिन परिस्थिति में मुस्कुराते हुए मैंने उन्हें देखा, वो साधारण इंसान नहीं हैं. मैंने उनसे कहा कि मैं वापस जा रहा हूं आपके घर पर पत्र लिखुंगा कि आपस मिला हूं और आप सही सलामत हैं. मैंने सबको लिखा कि हमें आपके बच्चों पर नाज है.”
लद्दाख के बारे में बात करते हुए राजनाथ ने आगे कहा, “लद्दाख का सामरिक महत्व आप सभी जानते हैं. ये सुरक्षा की जिम्मेदारी जनता और जवानों दोनों की बनती है और दोनों कर रहे हैं. हमारी नजर थी कि लद्दाख का कुछ ना कुछ होना चाहिए. लद्दाख अब यूनियन टेरिटरी बन गया है, सबने इसको ये बनाने के लिए कहा था. यहां लोग अभी भी उत्सव मना रहे हैं. 370 को हटाना हमारा वादा था. हमने जनता को छला नहीं है. हमने बराबर कहा है कि जनसंघ के समय से ही कि ये होगा और हुआ. एक विधान एक निशान और एक प्रधान होगा देश का और हमने वो कर दिया है.”
अपनी बात जारी रखते हुए और पाकिस्तान को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने आगे कहा, “मैं जानता हूं कि जनता हमारे साथ खड़ी है. पता नहीं पड़ोसी मित्र को क्या हुआ बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना हुआ जा रहा है. पहले आप आतंक रोको आप हमारे पड़ोसी हो. पड़ोसी से रिश्ते अच्छे होने चाहिए. दोस्त बदल जाते हैं पड़ोसी नहीं. आतंक को भी शह देते रहोगे तो बात कैसे होगी. सारी दुनिया ऑनबोर्ड है इस पर, साथ खड़ी है, उसको कश्मीर को लेकर कोई राग अलापने की जरूरत नहीं है. जो कुछ भी PoK में हो रहा है उसकी चिंता करनी चाहिए, सारी दुनिया इसे जानती है.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं पूछता हूं पाकिस्तान से कि कश्मीर कब पकिस्तान का हो गया? क्यों अनावश्यक रट है. आपको बोलने दिया इसका मतलब ये नहीं जो मन में आये वो बोलते रहें दुनिया को. देश आपको इसकी इजाजत नहीं देगा. पहले से तय था ये हमारा है. 370 हटाना हमारा आंतरिक मामला है. हमने अमेरिका के डिफेन्स सचिव से बात की. उन्होंने खुद कहा है ये हमारा अंदर का मामला है. तरह-तरह की बातें कश्मीर को लेकर पाकिस्तान को लेकर होती है. गिलगिट PoK हमारे हिस्से हैं. साफ कर दिया है लद्दाख भारत का स्ट्रटेजिक एरिया है. हम यहां की समस्याओं का समाधान निकालेंगे. मांग पत्र को हम देखेंगे सभी मिनिस्ट्री को मैं लिखूंगा. इस इलाके की सबसे बड़ी चुनौती है क्लाइमेट. DRDO इन्हीं समस्याओं के लिए काम कर रहा है. किसान-जवान विज्ञान मेला यहां के ECO सिस्टम को मजबूत करेगा. यहां आम किसान और जवान भी हैं. इन्हें सपोर्ट करने वाले वैज्ञानिक भी यहां पर हैं.”
Bureau Report
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