नईदिल्ली: मोटर व्हीकल संशोधन बिल 2019 अब कानून का रूप ले चुका है. सरकार इस कानून को सख्ती के साथ लागू करने में जुटी है. हालांकि, शुरुआत में कानून के कुछ प्रावधानों को ही लागू किया जाएगा. धीरे-धीरे कानून के अन्य प्रवाधाओं को भी सख्ती के साथ लागू किया जाएगा. एक दिंसबर से बिना फास्ट टैग वाली गाड़ियां नेशनल हाइवे पर नहीं चल पाएंगी. हाइवे पर टोल पार करने के लिए परिवहन मंत्रालय ने फास्ट टैग को हर व्हीकल पर जरूरी कर दिया है. इसी के साथ ही सड़क पर ट्रैफिक उल्लंघन करने वालों पर भी एक सितंबर से सख्ती शुरू हो जायेगी. केंद्र सरकार मोटर व्हीकल एक्ट के 63 प्रावधान पूरे देश में 1 सितंबर से लागू करने जा रही है. जिसमें ट्रैफिक के नियम तोड़ने पर भारी जुर्माने और सजा का प्रावधान है.
जिस तरह से देश भर में सड़क हादसे हो रहे हैं उसको देखते हुए केंद्र सरकार व्यापक प्लान के साथ इनको कम करने की कोशिश में जुट गई है. परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने कहा है कि अगले पांच साल में 50 फीसदी तक हादसे कम करने का लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए केंद्र सरकार 14000 करोड़ रुपये देश भर में सड़कों के सुधार और ब्लॉक स्पॉट खत्म करने पर खर्च करेगी. जिसके तहत राज्यों और नगरपालिकाओं की सड़कों से लेकर हाइवे की सड़को की डिजाइन, मरम्मत ,सुधार और निर्माण पर काम होगा.
इसके साथ ही सरकार सड़क पर लापरवाह रूप से गाड़ी चलाने वालों पर सख्ती से निपटने के लिए नये मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों को लागू करने जा रही रही है. कानून मंत्रालय से परामर्श के बाद केंद्र ने नये मोटर व्हीकल एक्ट कानून के 63 प्रोवीजन को एक सितंबर से हर राज्य को लागू करना जरूरी कर दिया है. मोटर व्हीकल एक्ट के बाकी के प्रावधानों में राज्य अपने हिसाब से बदलाव कर सकेंगे.
परिवहन मंत्रालय के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा सड़क हादसे भारत में होते हैं और इन हादसों के चलते हर साल हजारों लोगों की मौत हो जाती है साथ ही जीडीपी का दो फीसदी नुकसान भी होता है. यही वजह कि तमाम राज्यों के साथ मशवरा करके नया कानून बनाया गया. नये प्रोवीजन जो 1 सितंबर से लागू होंगे वो हैं.
1. शराब पीना पड़ेगा भारी, अब 10,000 फाइन.
2. नशे में गाड़ी चलाने पर कम से कम 10,000 रुपये का जुर्माना देना होगा.
3. रैश ड्राइविंग पर फाइन भी अब एक सिंतबर से 5,000 रूपये देना होगा.
4. बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर 5,000 रुपये भरने होंगे पहले ये जुर्माना 500 रुपये था.
5. यही नहीं सीट बेल्ट और ओवर स्पीड पर भी एक सितंबर से 100 रुपये की बजाय 1,000 देना होगा.
6. इसके अलावा तय सीमा से अधिक स्पीड से चलाने पर 400 के स्थान पर 1,000 से 2,000 रुपये तक फाइन देना होगा.
7. मोबाइल पर बात करते हुए पकड़े गये तो 5,000 रूपये का जुर्माना लगना तय है.
सरकार के सोच है कि कड़े प्रावधान के साथ ही सड़क पर पर्याप्त सहूलियतें भी होगी जिससे देश में सड़क हादसों को कम करने में मदद मिलेगी. परिवहन मंत्री नितन गड़करी का दावा है कि ट्रैफिक नियमों की सख्ती से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयेगी. सख्त नियमों के साथ ही सरकार अपनी तरफ से सुरक्षित सफर के लिए कई इंतजाम कर रही है. नेशनल हाइवे पर हर 50 किलोमीटर पर एक एंबुलेंस तैनात होगी. हर जिले में सांसद की अध्यक्षता में रोड सेफ्टी बोर्ड गठित होगा जो सड़क हादसों के स्पॉट का दौरा करेगी और सुझाव देगी.
राष्टीय राजमार्गों पर कुल साढ़े चार सौ एंबुलेंस तैनात की जा रही है. यही नहीं टोल बूथ पर लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए एक दिसंबर से हर गाड़ी पर फास्ट टैग लगाना मेंडेटरी कर दिया गया है. यानि एक दिसंबर से टोल पर कैश का लैनदेन पूरी तरह से बंद हो जायेगा.
Bureau Report
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